रुखसाना से ईदी खाने के चक्कर में साजिश का शिकार हुए थे,MLA राजू पाल, तत्कालीन डीआईजी का खुलासा!

द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ

2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर अतीक अहमद प्रतिष्ठित फूलपुर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हो गया था और अपनी परंपरागत प्रयागराज यानी तत्कालीन इलाहाबाद की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से उसने अपने छोटे भाई अशरफ को सपा के टिकट से चुनाव लड़वाया था लेकिन राजू पाल नाम के एक उभरते हुए नौजवान ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को चुनाव हरा दिया।

बताया जाता है कि अपने घर में मिली करारी हार से अतीक गिरोह तिलमिला उठा अतीक और अशरफ ने चुनाव परिणामों के बाद ही यह फैसला कर लिया था कि राजू पाल को जिंदा नहीं रहने देंगे। विधायक राजू पाल पर कई हमले हुए उन्होंने तत्कालीन एसएसपी सुनील गुप्ता से लिखित शिकायत भी की तत्कालीन डीआईजी अखिलेश मेहरोत्रा से मुलाकात करके सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी।

तत्कालीन डीआईजी अखिलेश मेहरोत्रा आईजी पद से रिटायर हुए वर्तमान में लखनऊ में निवास करते हैं। उन्होंने बताया कि “विधायक राजू पाल हमारे पास आए थे और हमने उन्हें सावधान रहने के लिए कहा था साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए सेल्फ लोडिंग राइफल यानी एसएलआर से तैनात 4 सुरक्षाकर्मी भी दिए थे लेकिन राजू पाल अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो गए थे 25 जनवरी 2005 को जब उनकी हत्या हुई तो उस समय वह खुद अपनी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर थे।

बताया जाता है कि उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को पीछे की गाड़ी में बैठा दिया था और खुद आगे की गाड़ी में रुखसाना नाम की महिला के साथ बैठे थे और ईदी खा रहे थ

वह रुखसाना को अपनी मुंह बोली बहन मानते थे । वहीं से लापरवाही हो गई अतीक गैंग को अशरफ की लोकेशन और मौके की स्थिति का पता चल गया और अतीक अहमद के सूत्रों ने मौके का फायदा उठाकर बेहद नजदीक से राजू पाल पर कई गोलियां चलाई जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

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