दिल्ली वाले केस को मिलाकर भारत में मंकीपॉक्स के अब कुल चार मामले हो गए हैं। बाकी तीनों केस केरल से हैं और तीनों विदेश से यात्रा करके लौटे थे।
दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और ये वायरस अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है।
इस वायरस का सबसे ज्यादा असर यूरोप के देशों में देखने को मिला है। WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स की वजह अब तक 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. भारत में इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दिल्ली में मिले मंकीपॉक्स के एकमात्र मरीज का इलाज लोक नायक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के 7वें फ्लोर पर किया जा रहा है।
यह मरीज फिलहाल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है।
मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है. यह एक वायरल जूनोटिक संक्रमण है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।
क्या हैं इसके लक्षण-
बुखार, पीठ दर्द, गहरी कमजोरी, खरोंच. इस बीमारी से लसीका ग्रंथियां सूज जाती हैं,इसके बाद या एक दाने के विकास के साथ होता है जो दो से तीन सप्ताह तक रह सकता है। चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने पड़ना मंकीपॉक्स के मुख्य लक्षणों में से एक है।
मंकीपॉक्स के लक्षण बहुत घातक तो नहीं है लेकिन कई केस में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इससे बचाव के उपाय-
अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो घबराएं नहीं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपके शरीर में अगर घाव है तो घर से बाहर न निकलें. सभी घावों के ठीक होने तक रोगी को आइसोलेट रहना चाहिए। जहां भी आप छूते हैं उसको साबुन या दूसरे एल्कोहल आधारित सेनेटाइजर से तुरंत साफ कर दें।
अपने आसपास की जगह को हर वक्त साफ रखें। कमरे में वेंटिलेशन का होना बेहद जरूरी है।
मंकीपाॅक्स से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें। दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स से बचाव के लिए चेचक का टीका यानी वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’