द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप के अटूट संबंधों की श्रृंखला और उनके व्यवहार की प्रशंसा तो पीठ पीछे भी होती है लेकिन विपक्ष में रहते हुए भी उनका प्रभाव और सभी दलों और विचारधारा के लोगों से उनका प्रेम उनके विरोधियों के लिए हैरानी और परेशानी का सबब बना हुआ है ।
बीते 25 26 अक्टूबर अर्ध रात्रि में पूर्व मंत्री के बड़े भाई बाराबंकी के लोकप्रिय नेता और जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह का आकस्मिक निधन हो गया था ।अशोक सिंह जी अपनी सज्जनता और लोकप्रियता की वजह से ख्याति प्राप्त हुए लेकिन परिवार का राजनैतिक नेतृत्व सदैव अरविंद सिंह गोप ने किया ।
अशोक सिंह के निधन की खबर जैसे ही प्रदेश भर में फैली पूरे प्रदेश के लोगों का तांता लग गया। लगातार पिछले 4 दिनों से उत्तर प्रदेश में सभी पार्टियों के बड़े नेता सत्ता पक्ष और विपक्ष के मतभेदों को बुलाकर अरविंद सिंह गोप को दुख की इस घड़ी में भावनात्मक सहारा देने के लिए आगे आ रहे हैं ।
जहां खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन करके अरविंद सिंह गोप से बात की अपनी संवेदनाएं व्यक्त की वहीं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी गोप से मिलने के लिए बाराबंकी आए इसके अलावा सपा के तमाम बड़े नेता पूर्व मंत्रियों विधायकों सांसदों का अनवरत बाराबंकी आगमन जारी है।
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश और देश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के कई सांसद विधायक मंत्री भी दलीय सीमाओं से आगे बढ़कर अरविंद सिंह गोप से लगातार मिलने के लिए बाराबंकी आ रहे हैं। भाजपा सरकार के कई मंत्री पहुंचे कई पूर्व मंत्री और विधायक सांसद पहुंचे गोंडा के चर्चित विधायक बृजभूषण शरण सिंह भी अरविंद सिंह गोप के घर पहुंच गए।
कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के भी कई नेताओं ने अरविंद सिंह गोप से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की है और बड़े भाई के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।
उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकार में कार्यरत कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने भी अरविंद सिंह गोप के आवास पर पहुंचकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है उन्हें दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान किया और उनके बड़े भाई के निधन पर शोक व्यक्त किया है ।
ऐसा इसलिए है क्योंकि ताकतवर रहते हुए सत्ता में रहते हुए अरविंद सिंह गोप हमेशा अहंकार से दूर रहे और आगंतुकों का हमेशा सम्मान करते रहे मित्रों और संबंधियों के प्रति निष्ठावान रहे इसलिए आज उनके विपक्ष में होने पर भी उनके चारों तरफ बहुत से शक्तिशाली लोग उनके सुख दुख के साथी बन कर खड़े हैं।
राजनीतिक विचारधारा और राजनीतिक मतभेद अपने स्थान पर हैं परंतु सामाजिक शिष्टाचार और व्यक्तिगत संस्कारों को सबसे ऊपर रखना चाहिए इस बात का पालन अरविंद सिंह गोप ने अपने जीवन में करने का प्रयास किया यही वजह है कि उनके सुख दुख में हजारों लोग उनके चारों तरफ खड़े रहते हैं और आज उनके बड़े भाई के निधन के बाद यही दृश्य 4 दिनों से लगातार बाराबंकी जनपद में दिखाई पड़ रहा है।
द इंडियन ओपिनियन के लिए
प्रधान संवाददाता दीपक मिश्रा का आलेख