जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कई बार केंद्र में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अब कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा और वह बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है।
कांग्रेस ने कहा, यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तब यह इस्तीफा हुआ है। गुलाम नबी से पहले वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से अब तक दर्जनों कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ज्यादातर नेताओं ने भाजपा का ही दामन थामा है।
इससे कांग्रेस पार्टी की लगातार दुर्गति हो रही है।
आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पन्नों के इस्तीफे में कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं। आगे आजाद ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चला रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने देश हितकारी मुद्दों की खातिर लड़ने की इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है।
गुलाम नबी आजाद ने ऐसे वक्त में कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा है जब पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष ढूंढ़ने की कवायद तेजी से चल रही है। आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए खत लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया। कई बार केंद्र में मंत्री रहे और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दिग्गज कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल भी अभी कुछ माह पहले ही पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। वह जी-23 नेताओं के ग्रुप में प्रमुख थे।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’