संजय राउत को कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने आज संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आठ अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
इससे पहले ईडी के अधिकारियों ने पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े मुंबई में दो परिसरों की तलाशी ली, जिसमें शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि यह मामला साल 2008 में शुरू हुआ था लेकिन 2008 से लेकर 2022 तक अभी भी लोग घरों के इंतजार में हैं। पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव इलाके में मौजूद है।वहीं दूसरी ओर संजय राउत ईडी के कई सवालों से परेशान हैं, जिनका उनके पास या तो कोई जवाब नहीं है या फिर वो जवाब देने से बचना चाहते हैं।
मुंबई का पात्रा चॉल घोटाला देश की सुर्खियों में है। शिवसेना सांसद संजय राउत इसी केस में ईडी के शिकंजे में हैं, बताया जा रहा है कि ये घोटाला 1000 करोड़ से भी ज्यादा का है। यहां 600 से ज्यादा लोगों को घर बना कर देने थे।
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डिवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक जिस शख्स को उसके परिसर में तलाशी के बाद ईडी के अधिकारियों के पास लाया गया था वो फर्म और उसकी सहायक फर्मों के लिए भारी मात्रा में नकद लेनदेन करता था और कंपनियों के खातों को भी देखता था। वहीं दूसरी तरफ HDIL के एक अन्य परिसर से भी कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं। रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे।
म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’