सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सोमवार को गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। जस्टिस यूयू ललित की बेंच में सुनवाई के दौरान तीस्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि हम अंतरिम राहत चाहते हैं, हाईकोर्ट में 19 सितंबर को सुनवाई रखी गई है। अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी। तीस्ता को गुजरात दंगों की साजिश के मामले में राज्य के उच्च पदाधिकारियों को फंसाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एक्टिविस्ट तीस्ता की जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज हो चुकी है, जिसके बाद तीस्ता ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। मालूम हो कि गुजरात दंगे में कई लोगों की जान गई थी। इनमें से एक पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी भी थे। उनकी पत्नी जकिया जाफरी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 62 अन्य लोगों पर दंगे में सहभागिता का आरोप लगाया।
इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दे दी, जिसे जकिया जाफरी ने चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को यह कहते हुए इस साल खारिज कर दिया कि याचिका में तथ्य नहीं है।
SIT ने जांच के दौरान यह भी खुलासा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने तत्कालीन गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश रची थी और इस साजिश में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट भी शामिल थे। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी, जिसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 25 जून को तीस्ता को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’