भारत में रोहिंग्याओं के मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है। इस पूरे विवाद का केंद्र बिंदु केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का वह ट्वीट है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा।
रिपोर्ट में सामने आया था कि दिल्ली में कैंप में रहने वाले करीब 1100 रोहिंग्याओं को जल्द EWS फ्लैट में शिफ्ट किया जा सकता है। इस रिपोर्ट में बताया गया गया था कि हाल ही में दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 7 जुलाई को दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इस मीटिंग में रोहिंग्याओं को फ्लैट में शिफ्ट करने का फैसला किया गया।
केंद्रीय हरदीप सिंह पुरी ने इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था। उन्होंने कहा, भारत हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरशरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा। हरदीप पुरी के इस ट्वीट के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. उधर, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा, देश में रोहिंग्याओ को लाने वाले और अब बसाने वाली भी भाजपा है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने बांग्लादेशियों को बसाकर अपना वोट बैंक बनाया, उसी तरह पीएम मोदी भी रोहिंग्याओं को अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं। कश्मीरी पंडित हर रोज मारे जाते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने रोहिंग्याओं को ‘घर जमाई’ की तरह अपनाया है। बीजेपी के तमाम नेताओं, विश्व हिंदू परिषद और संघ ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सरकार बैकफुट पर नजर आई। गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रोहिंग्याओं को बसाने की कोई योजना नहीं है, उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’