उत्तर प्रदेश पुलिस में 10 साल 2 माह तक अपनी सेवाएं देने के बाद डॉग ‘ओली’ ने आज अंतिम सांस ली। शनिवार को ओली ने अंतिम सांस लेने के बाद पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। एसपी, SP सिटी, SP ट्रैफिक और ASP ने राजकीय सम्मान के साथ ओली को अंतिम विदाई दी।
एक्सप्लोसिव श्र्वान ‘ओली’ का जन्म 10 मार्च 2011 को हुई थी और नायक हैण्डलर तुलसी सोनकर के देख-रेख में श्र्वान ओली’ का प्रशिक्षण राष्ट्रीय श्र्वान प्रशिक्षण केन्द्र टेकनपुर जनपद ग्वालियर मध्य प्रदेश से हुआ था। 6 माह प्रशिक्षण के तुरंत बाद ओली ने बड़े- बड़े कारनामे करने शुरू कर दिये थे और ‘ओली’ का अपराधियों को पकड़वाने और महत्वपूर्ण घटनाओं का खुलासा करने में सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया की यूं तो ओली ने सैकड़ो मामलों का खुलासा कराया लेकिन 2014 में तोपखाना में छुपाये गये बम का पता लगाया, वर्ष 2015 में सिलेंडर फटने की अफवाह पर ईट पत्थर में दबे बारूद का पता लगाया, 2016 में जनपद बहराइच में रेलवे स्टेशन के पास कचड़े के ढेर में बम का पता लगाया और साल 2018 में झाड़ी में हथगोला का पता लगाया
गोंडा पुलिस के डाग स्क्वायड में तैनात ‘ओली’ का 10 साल की लंबी सेवा के बाद निधन हो गया। निधन पर पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’