The Indian opinion
Barabanki
पूरे देश में कांग्रेस पार्टी को मिले उत्साह जनक परिणाम के साथ-साथ बाराबंकी लोकसभा का परिणाम भी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के उत्साह को बढ़ाने वाला रहा इसके साथ ही भाजपा के चुनावी को प्रबंधन प्रत्याशी चयन से लेकर जनसामान्य से संवाद जन सामान्य से व्यवहार में लापरवाही बेरोजगारी महंगाई और अन्य तमाम मुद्दों पर बड़ी संख्या में उन मतदाताओं ने बीजेपी को नकार दिया जिन मतदाताओं ने 2014 और 19 में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया था।
इसमें कोई संदेह नहीं की वर्तमान परिणाम भी एनडीए के पक्ष में हैं लेकिन 14 और 19 की तुलना में भाजपा का बड़ा नुकसान हुआ है जिस प्रकार से 2014 और 2019 में देश में जनता ने भाजपा के पक्ष में एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में भावनात्मक जनादेश दिया था उस जनादेश का इस बार स्पष्ट अभाव दिखा। भाजपा और एनडीए का पलड़ा जरूर भारी है लेकिन लेकिन जनता ने उनके इंजन का हॉर्स पावर कम कर दिया है अब सरकार बनाने की क्षमता रखने के बावजूद वह मनोबल नहीं रहेगा जो 14 और 19 की सरकारों में था ।
दूसरी तरफ इन चुनाव परिणामों ने कांग्रेस की ऊर्जा को कई गुना बढ़ा दिया है कांग्रेस को इंडिया गठबंधन को बहुमत भले ही ना मिला हो लेकिन यह चुनाव परिणाम उनके लिए जीत से कम नहीं है। बाराबंकी की बात करें तो पूर्व सांसद पीएल पूनिया ने जब IAS की तैयारी कर रहे अपने IITIAN बेटे को 2017 के विधानसभा चुनाव में लॉन्च किया था तो बहुत से लोगों ने यह सवाल खड़ा किया था कि बेटा तो IAS बन जाता उसे क्यों राजनीति में ला रहे हैं ?
तनुज पुनिया बाराबंकी में चार चुनाव हारे लेकिन पांचवा चुनाव प्रचंड बहुमत से जीत गए । आखिरकार अनुभवी पिता पीएल पुनिया का फैसला सही साबित हुआ। पीएल पुनिया ने विपरीत परिस्थितियों में भी कभी धैर्य नहीं खोया। सबके साथ विनम्रता से बात करना और सज्जनता उनके व्यक्तित्व की बड़ी पहचान है और इन्हीं गुणों का अनुसरण करके तनुज पुनिया ने भी बाराबंकी के लोगों के दिलों में अपने लिए बड़ी जगह बनाई ।
2024 में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के गठबंधन ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक को संगठित कर दिया। कांग्रेस को पुराने दौर से ही ब्राह्मण मुस्लिम और दलितों का वोट मिलता था समाजवादी पार्टी को भी ओबीसी और मुसलमान का वोट मिलता है इस बार लगभग हर वर्ग का वोट इंडिया गठबंधन को जमकर मिला है और इसी समीकरण ने बाराबंकी में भी कमाल दिखाया और एक के बाद एक चार चुनाव हारने वाले विनम्र युवा नेता तनुष पूनिया अब बडे बहुमत से माननीय सांसद बन गए हैं।