कौन बनेगा MLC? कई दावेदार, सुरेंद्र सिंह वर्मा को “रिटर्न गिफ्ट” का इंतज़ार!

दीपक मिश्रा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगे हुए बाराबंकी जनपद में पिछले दिनों अपने इतिहास में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव में माहौल का फायदा उठाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि कुछ क्षेत्र पंचायतों में पार्टी के बड़े नेताओं और विधायकों ने विपक्षी दल के नेताओं से सांठगांठ करके कई ब्लाक प्रमुखों के पद को विपक्षी विचारधारा के लोगों को सौंप दिया , चाहते तो वहां भी भगवा लहरा देते लेकिन पार्टी के प्रति निष्ठा निजी लाभ के सौदेबाजी में चली गई।

इस बार भाजपा अपना एमएलसी जिताने की तैयारी में:

अब एमएलसी का चुनाव भी सामने आ गया है कई दावेदार मैदान में हैं एमएलसी का चुनाव भी सत्ता का चुनाव माना जाता है इसलिए विपक्षी दल भी यह मानकर चल रहे हैं कि इस बार भाजपा का एमएलसी ही बाराबंकी में जीतेगा। पिछली बार सपा सरकार के दौरान अखिलेश यादव के करीबी राजेश यादव राजू को यहां से एमएलसी बनने का मौका मिला था और उसके पहले बसपा सरकार के दौरान हरगोविंद सिंह ने एमएलसी की डील तय करके बहुजन समाज पार्टी के साथ राजनीति में एंट्री की थी।

सुरेंद्र सिंह वर्मा ने बीजेपी को जिला पंचायत अध्यक्ष जीतने में मदद की:

कहा जा रहा है कि इस बार सुरेंद्र सिंह वर्मा को मौका दिया जा सकता है क्योंकि उन्होंने बसपा छोड़ने के बाद लगातार बीजेपी के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम किया है। सुरेंद्र सिंह वर्मा के बड़े भाई संग्राम सिंह वर्मा पहले भी भाजपा सरकार में मंत्री थे और बसपा सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं सुरेंद्र सिंह वर्मा ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं और उनकी पत्नी शीला सिंह लगातार दो बार जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं । आर्थिक रूप से भी इनका परिवार मजबूत है इसलिए सियासत के रास्तों को अपने हिसाब से मोड़ना इनके लिए बड़ी बात नहीं है। भारतीय जनता पार्टी को पहली बार जिला पंचायत में ऐतिहासिक जीत दिलवाने में कहा जा रहा है कि, सुरेंद्र सिंह वर्मा की बड़ी भूमिका रही है उन्होंने चाणक्य की तरह सारे समीकरण भाजपा के पक्ष में सेट कर दिए आखिरकार पूर्व विधायक का राजरानी रावत को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की पार्टी की मंशा पूरी हो गई।

सुधीर सिंह सिद्धू , नवीन सिंह राठौर समेत कई एमएलसी टिकट के दावेदार!

कहा जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह वर्मा से यह वादा भाजपा के नेताओं ने किया था कि आप हमें जिला पंचायत अध्यक्ष जितवा दीजिए हम आपको एमएलसी बनवाने में कोई कसर नहीं रखेंगे ।
वैसे तो जिले के कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बीजेपी से एमएलसी बनने का सपना देख रहे हैं
और जोर भी लगा रहे हैं । पूर्व जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सुधीर सिंह सिद्धू एमएलसी के लिए दावेदार हैं वही पूर्व विधायक लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव शिवकरण सिंह के बेटे सांसद उपेंद्र सिंह रावत के करीबी नवीन सिंह भी एमएलसी बनने के लिए अपनी किलेबंदी मजबूत कर रहे हैं युवा कारोबारी नवीन सिंह ने कम समय में भाजपा संगठन में अच्छा पीआर डिवेलप किया है। सूत्रों के मुताबिक बसपा से भाजपा में शामिल होने वाले प्रॉपर्टी डीलर सुधीर सिंह भी एमएलसी का टिकट हासिल करने के लिए अपना जोर लगाए हैं वहीं पूर्व एमएलसी हरगोविंद सिंह भी यह चाहते हैं कि उन्हें बसपा के बाद अब भाजपा से भी सदस्य विधान परिषद बनने का मौका मिले । हरगोविंद सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से लड़े थे लेकिन नवाबगंज सीट दोबारा सुरेश यादव के कब्जे में चली गई थी ।

सुरेंद्र सिंह वर्मा ने लगाई है एमएलसी टिकट के लिए मजबूत फील्डिंग:

सूत्रों के मुताबिक सुरेंद्र सिंह वर्मा का पलड़ा थोड़ा भारी है एक तो उनके परिवार की जिले में बड़ी हैसियत है जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में हैं । लोगों से उनका व्यवहार भी आमतौर पर अच्छा रहता है और उन्होंने भाजपा के लिए पसीना भी बहाया है तो उनको यह उम्मीद है कि भाजपा भी उनके योगदान का मान रखेगी।

फिलहाल इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और पदाधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं कहना चाहते कुछ पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि अहम जानकारियां दे रहे हैं लेकिन अपना नाम ना छापने की शर्त पर। पर्दे के पीछे से कई लोगों को आश्वासन मिला है हालांकि गुड न्यूज़ किसे मिलेगी इस का न्यूज़ दावेदारों और कार्यकर्ताओं को बेसब्री से इंतजार है।

दा इंडियन ओपिनियन: पॉलिटिकल डेस्क

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