मुजफ्फरनगर: प्रतिभा का धनी कोई ऐसे ही नहीं बनता इसके लिए दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम एक आम व्यक्ति को प्रतिभाशाली बना देता है। ऐसे ही एक प्रतिभाशाली छात्र ने लॉक डाउन के समय कॉलेज बंद होने पर खाली समय का उपयोग खेलकूद ओर मोज मस्ती में बर्बाद ना कर अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया इंटरमीडिएट के छात्र ने वह कर दिखाया जोश ने कभी पहले सोचा भी नहीं था। इस छात्र ने घर में आने वाले समाचार पत्रों की रद्दी को रद्दी ना समझ कर उन्हें एक आकार देना शुरू कर दिया।
सबसे पहले इस छात्र ने भव्य राम मंदिर का निर्माण किया और उसके बाद अखबार की रद्दी से लाल किले का का निर्माण किया। इस बार भी इस छात्र ने 2 अक्टूबर को मनाई जाने वाली राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर अखबार की रद्दी से बहुत सुंदर चरखे का निर्माण किया है।
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद के गांधी कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय छात्र तुषार शर्मा इन दिनों मुजफ्फरनगर ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान में चर्चा का विषय बना हुआ है छात्र की चर्चा भी उसकी प्रशंसा की वजह से बनी हुई है। तुषार शर्मा ने इसी वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तुषार शर्मा मुजफ्फरनगर निवासी एक व्यापारी के छोटे पुत्र हैं वैसे तो तुषार शर्मा अपनी प्रतिभा के धनी हैं साथी शिक्षा को लेकर भी छात्र कड़ी मेहनत और परिश्रम कर रहा है।
मार्च के महीने में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया तो स्कूल कॉलेज भी बंद करा दिया गए उसी समय तुषार शर्मा ने घर पर रहकर अपना खाली समय खेलकूद मौज मस्ती में बर्बाद नहीं किया तुषार शर्मा ने यूट्यूब से प्रेरणा लेकर घर में आने वाले समाचार पत्रों की रद्दी को एक आकार देना शुरू कर दिया और देखते ही देखते तुषार शर्मा ने अखबारों की रद्दी से भव्य और सुंदर कलाकृति बनानी शुरू कर दी तुषार ने अखबारों की रद्दी से सबसे पहले राम मंदिर का निर्माण किया और फिर दिल्ली का लाल किला बनाकर अपने जज्बे को आगे बढ़ाते रहा तुषार ने अखबारों की रद्दी से ढोलक मोटरसाइकिल लंच बॉक्स और एफिल टावर जैसी कई इमारत बनाकर दिखा दिया कि अगर दृढ़ निश्चय और हौसलों की उड़ान हो तो कोई भी इंसान प्रतिभा का धनी बन सकता है।
इस बार तुषार शर्मा ने 2 अक्टूबर को आने वाली राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रपिता को समर्पित एक चरखा बनाया है जो बना तो अखबार की रद्दी से है लेकिन हु ब हूं यह चरखा लकड़ी के चरखे से जरा भी अलग नहीं है इस पृथ्वी खास बात यह है कि इसको आसानी से चलाया जा सकता है बल्कि सूत भी बनाया जा सकता है । तुषार शर्मा द्वारा बनाए गए लाल किला और राम मंदिर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करना चाहते हैं। तुषार शर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन के समय जब वह घर में खाली बैठे थे तो एक दिन उन्हें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला जिसमें एक व्यक्ति घर के बेकार सामान से सुंदर कलाकृति बना रहा था वहीं से तुषार ने प्रणाली और घर में आने वाले समाचार पत्रों को रद्दी में ना बेच कर उन्हें एक नया आकार देने का मन बना लिया ।
तुषार ने अखबार की रद्दी और फेविकोल की मदद से उन समाचार पत्रों को एक नई शक्ल दे दी जो अक्सर पढ़ने के बाद रद्दी में डाल दिए जाते थे। तुषार की इस प्रतिभा को देखकर जहां उसके माता-पिता बेहद खुश हैं वही मुजफ्फरनगर के साथ साथ उत्तर प्रदेश में तुषार शर्मा सुर्खियों में हैं।
मुज़फ्फरनगर से संजीव कुमार की रिपोर्ट!