चीन को झटका! भारत खुद विकसित करेगा 5G टेक्नोलॉजी, दोस्त मुल्क देंगे साथ। THE INDIAN OPINION

संचार तकनीक के रूप में भारत एक नई छलांग लगाने जा रहा है इस क्षेत्र में अभी तक चीन का वर्चस्व था लेकिन भारत में अब चीन के वर्चस्व को तोड़कर क्षेत्र में भी न सिर्फ आत्मनिर्भरता की पहल की है बल्कि वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

हम बात कर रहे हैं 5G संचार नेटवर्क की इस समय दुनिया के ज्यादातर देश 4G नेटवर्क पर संचार सेवाएं दे रहे हैं और 5G नेटवर्क को लेकर पूरी दुनिया गंभीर है चीन समेत कई देश इस पर गंभीरता से काम भी कर रहे हैं।

भारत भी तेजी से 5G टेक्नोलॉजी विकसित करने पर कर रहा है और इसके लिए इजरायल और अमेरिका के साथ मिलकर तीनों देशों के विशेषज्ञ एक बड़ी परियोजना पर आगे बढ़ चुके हैं।

प्राप्त सूचनाओं के अनुसार तीनों देश 5G संचार नेटवर्क पर एक पारदर्शी व सुरक्षित और विश्वसनीय तकनीकी को आने वाली अगली पीढ़ी के लिए देने के लिए सहयोगात्मक रूप से कार्य कर रहे हैं। इससे चीन को एक और करारा झटका लगा है। कि भारत सरकार ने इसकी तैयारी 2017 में ही कर ली थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर शुरू से ही गंभीर हैं और संचार माध्यमों में भारत को आत्मनिर्भर बनाना बीजेपी सरकार की प्राथमिकता का हिस्सा है।

इस बात की नींव तभी पड़ गई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल की यात्रा पर गए थे।वहां लोगों-से-लोगों तक यानी पीपुल-टू-पीपुल संपर्क पर सहमति बनी थी। समुदाय के नेताओं ने कहा कि यह विकास और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तीनों देशों की त्रिपक्षीय पहल है।

अंतर्राष्ट्रीय विकास पर काम करने वाली संस्था अमेरिकी एजेंसी (यूएसएआईडी)की उप-प्रशासक बोनी ग्लिक ने कहा कि 5जी तकनीकी में हमारा आपसे सहयोग बड़े कदमों की दिशा में एक पहला कदम है कि हम अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों,विकास,विज्ञान व शोध पर आपस में मिलकर काम कर रहे हैं।इस भागीदारी के जरिए हम आधिकारिक तौर पर इन संबंधों की पुष्टि कर रहे हैं।

तीनों देश अमेरिका-भारत-इजरायल के बीच वर्चुअल शिखर समिति बैठक को संबोधित करने से पहले ग्लिक ने कहा,हम दुनिया की विकास से जुड़ी चुनौतियों पर एक साथ मिलकर काम करेंगे यह हमारे लिए काफी रोमांचित है और बिना किसी देश का नाम लेते हुए कहा कि हम किसी एक देश का एकाधिकार इस तकनीकी पर नहीं बनने देना चाहते और न ही दूसरे देशों को दबाने का अधिकार दे सकते हैं।

इसके लिए उन्होंने सिलिकॉन वैली,बेंगलुरु और तेल-अबीब के विशेषज्ञों को 5G और दूसरी तकनीकी के विकास में आपस में मिलकर काम करने पर जोर दिया। इस बैठक में भारत व इजरायल के विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।भारत में इजरायल के राजदूत जॉन मलका और उनके समकक्ष संजीव सिंगला ने भी संबोधित किया।
इस पहल की शुरुआत करने वाले इडिस्पोरा के एमआर रंगास्वामी ने कहा कि तीनों देशों के मिलकर काम करने से हम एक सुरक्षित दुनिया बनाएंगे।बताते चलें कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल की यात्रा पर थे तभी रंगास्वामी ने ही उनके सामने अमेरिका और इजरायल के साथ मिलकर तकनीकी विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रस्ताव दिया था।

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