ताइवान में खूब उड़ाया जा रहा है चीनी फौज का मजाक, वजह है ख़ास!

चीन की सेना यानी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ का एक वीडियो चर्चा में है जिसे यह कहकर प्रसारित किया जा रहा है कि ये चीनी सेना के जवान हैं और इनको लद्दाख में भारतीय सेना से सामना करने के लिए वहां तैनात किया जा रहा है। वीडियो में दिखाई दे रहे सेना के जवान अभी बहुत कम उम्र के दिखाई पड़ रहें हैं और वे रो रहे हैं।


ताइवान मीडिया नें इस वीडियो का मजाक उड़ाते हुए कहा कि चीन जबरन इनको विवादित सीमा पर भारतीय सैनिकों से सामना करने के लिए भेज रहा है। इस वीडियो के बारे में चीन का कहना है कि वीडियो सच है लेकिन जैसा इसके बारे में कहा जा रहा है वह सच नहीं है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स नें इस बात का खंडन करते हुए कहा कि यह वीडियो सैनिको की भर्ती के समय का है और ये अपने परिवार से विदाई ले रहे थे उस वक़्त चीनी सेना का गीत ‘ग्रीन फ़्लावर’ गाते हुए रो रहे थे।


●ताइवानी मीडिया के अनुसार वीडियो की सच्चाई
जानकारी के अनुसार यह वीडियो 20 सितंबर को सामने आया था लेकिन ताइवान न्यूज़ ने इसे मंगलवार यानी 22 सितंबर को रिपोर्ट किया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वीडियो को फूयांग रेलवे स्टेशन जाते समय बस में शूट किया गया है इन जवानों को ट्रेनिंग के बाद भारतीय सीमा के निकट पोस्टिंग पर भेजा जा रहा है। इन जवानों को पहले हुबेई प्रांत के एक मिलिट्री कैंप में जाना था फिर वहां से इनकी पोस्टिंग भारतीय सीमा के नजदीकी इलाकों में होनी थी। यह सैनिक कॉलेज के छात्र थे उन सैनिकों में से पांच ने तिब्बत में सेवा दी थी। वीडियो में चीनी सैनिक लड़खडाती आवाज में चीनी सेना का गीत ‘ग्रीन फ़्लावर्स इन द आर्मी’ गाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दरअसल कुछ दिनों पहले यह वीडियो चीन में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसे बाद में बैन कर दिया गया था।
●लद्दाख में बढ़ी भारतीय सेना की हलचल
भारत-चीन सीमा पर लगातार बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर भारतीय सेना अलर्ट हो गई है सेना ने हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है। भारतीय सेना लगातार चीन पर नजर बनाए हुए है। लद्दाख में गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो झील के आसपास के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।
●चीन और ताइवान के बीच तनाव जारी
इस समय चीन और ताइवान के बीच भी तनाव चल रहा है। चीन लगातार अपने पड़ोसी देशों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। लद्दाख में भारत-चीन का तनाव चरम पर है वहीं दूसरी तरफ चीन को अमेरिका से ताइवान की बढ़ती नजदीकियां रास नहीं आ रही हैं। ऐसे में चीन के सरकारी अखबार की मानें तो चीन ताइवान पर सैन्य कार्रवाई का मन बना चुका है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि पीएलए का युद्धाभ्यास एक त्वरित प्रक्रिया है और ताइवान को इससे डरना चाहिए। यह युद्धाभ्यास ताइवान पर कब्जे का ड्रिल है। अखबार ने दावा किया कि अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर उप विदेश मंत्री क्रैच की ताइवान यात्रा की घोषणा नहीं की थी। लेकिन जब वह ताइवान पहुंचे तो उनका स्वागत पीएलए ने युद्धाभ्यास के जरिए किया। इसलिए यह अभ्यास अंतिम-मिनट का निर्णय था। इतने कम समय में एक बड़े पैमाने पर कार्रवाई का आयोजन किया जा सकता है।


●पहले भी हुआ है भारत के समर्थन में प्रचार
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद ताइवान में एक पोस्टर काफी वायरल हो रहा था जिसमें भगवान राम को ड्रैगन को मारते हुए दिखाया गया था और लिखा था- ‘हम मारते भी है और जीतते भी’ (वी कैंकर वी किल)। ताइवान न्यूज़ डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट नें एक ट्विटर यूजर के हवाले से इस पोस्टर को पोस्ट किया था जिसके बाद भारतीय और ताइवानी सोशल मीडिया पर इसको खूब शेयर किया गया।
●हॉन्गकॉन्ग में चीन विरोधी प्रदर्शन।
होन्गकॉन्ग में लोकतंत्र की मांग को दबाने की चीन द्वारा जबरन कोशिश की जा रही है जिसके खिलाफ वहां प्रदर्शन किये जा रहे हैं। प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ ये प्रदर्शन पिछले साल जून से ही हो रहे हैं।
चीनी सरकार द्वारा सूचना संकलन को बढ़ाने और राजद्रोह, अलगाव, देशद्रोह, तोड़फोड़ जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को स्थापित करनें के लिए एक नया ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ इसी साल जून में पारित किया जा चुका है। हालाँकि इस कानून की दुनिया भर के देशों नें आलोचना की है। उनका कहना है कि ये कानून हांगकांग की स्वतन्त्रता को ख़त्म कर देगा और उसकी स्वायत्तता को खोखला कर देगा।
हांगकांग पहले ब्रिटेन के अधीन था जिसे 1997 में ‘एक देश दो प्रणाली’ समझौते के तहत चीन को सौंपा गया था। इस समझौते के तहत 50 सालों तक शहर को कई चीजों में स्वतंत्रता और न्यायिक, विधायी शक्तियां दी गई थी। इस फॉर्मूले की वजह से ही शहर वैश्विक व्यापार का केंद्र बन पाया।

आलेख- आराधना शुक्ला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *