थाने में विधायक पिटे, गैंगरेप या डबल मर्डर हो, यूपी सरकार का दावा “अखिलेशराज से बेहतर है योगीराज”!

रिपोर्ट – मनीष सिंह,

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 8 सालों के अपराधों का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया। आंकड़ों में बताया गया है कि योगी सरकार में अपराधों में भारी कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी कानून व्यवस्था को लेकर पहले दिन से ही सख्त है। जीरो टोलरेंस की नीति पर पुलिस काम कर रही है।

सैकड़ो अपराधियों का एनकाउंटर हुए, हज़ारो ने सरेंडर किया है। कोई वारदात हुई तो उसका खुलासा भी वक्त रहते किया गया है। 2020 में बीते 7 महीनों का क्राइम डाटा में डकैती, लूट, हत्या एयर बलात्कार में भारी कमी आई। गुंडे और माफियाओं के खिलाफ बीते साल से अधिक और ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है।

2020 में अब तक डकैती की 38 घटनाएं, बीते साल की अपेक्षा 44.12 फ़ीसदी कम हुई, लूट की 792 घटनाएं, बीते साल की अपेक्षा 42.57 की कमी आई, हत्या की 2032 घटनाएं, बीते साल की अपेक्षा 7.80 की कमी आई, बलात्कार के अब तक 1216 घटनाएं,  बीते साल की अपेक्षा 28.13 फीसदी की कमी आई,अब तक गुंडा एक्ट में 17908 गैंगस्टर एक्ट में 2346 और रासुका के तहत 112 अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई की गई।

आंकड़ों से जाहिर होता है कि सरकार की मंशा कानून व्यवस्था को लेकर स्पष्ट और पारदर्शी है। वही विपक्ष का कहना है कि सरकार आंकड़ों में जादूगरी करती है। प्रदेश में जंगल राज कायम है, अपराधी बेखौफ है, हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार रोज़ हो रहे। सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई कंट्रोल नही है।

फिलहाल इसमें कोई संदेह नहीं की योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्ती साथ पेश आती है, एनकाउंटर के जरिए खौफ पैदा करने की कोशिश की जा रही है ,लेकिन यह कोशिश अपराधियों पर कितना असर डाल रही है यह नहीं कहा जा सकता हैl  क्योंकि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में  मर्डर गैंगरेप अपहरण जैसी घटनाएं आए दिन होती रहती हैl  कुछ दिनों पहले उस समय कानून व्यवस्था का मजाक बन गया जब थाने के अंदर भी एक दरोगा जी अपराध का शिकार हो गए यानी पीट दिए गए।

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