बाराबंकी: राज्यपाल ने कल्याणी नदी के तट पर किया वृक्षारोपण।

रिपोर्ट – नितेश मिश्र

बाराबंकी। प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल कल्याणी नदी के तट पर आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। कार्यक्रम की शुरूआत राज्यपाल के द्वारा कल्याणी नदी के तटबन्ध पर पीपल का पौधा लगाकर किया गया।

आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि यह अत्यन्त ही सौभाग्य की बात है कि आज मुझे वन महोत्सव सप्ताह के अवसर पर बाराबंकी जनपद की कल्याणी नदी के उस तटबंध पर वृक्षारोपण करने का मौका मिला, जिसको कोविड-19 के लाॅकडाउन के मध्य यहां वापस आये प्रवासी श्रमिकांे एवं इसके आसपास के निवासियों ने नदी के उद्धार करने का कार्य किया।

मैं आप सभी को इस महान कार्य के लिए बधाई देती हूँ। उन्होंने कहा कि आप सभी ने अपने लाॅकडाउन के समय का न केवल सदुपयोग किया, बल्कि लोगों को प्रेरणा भी दी।
इस अवसर पर श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि यह पुनर्जीवित कल्याणी नदी सबके लिए कल्याण मय बनेगी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसी कल्याणी नदी के पुनरूद्धार कार्य में प्रवासी श्रमिकों के साथ आप सभी लोगों के योगदान की प्रशंसा की थी। उन्होंने वन महोत्सव के अवसर पर कल्याणी नदी के तट पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रशंसा जाहिर की।


श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने पीपल व बरगद के वृक्ष लगाने पर जोर देते हुए कहा कि ये दोनों पेड़ दिन व रात दोनों समय आक्सीजन देते है, जबकि अन्य पेड़ केवल दिन के समय ही आक्सीजन देते है। राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने सघन वृक्षारोपण अभियान चलाकर वन महोत्सव सप्ताह के अवसर पर रिकार्ड 22 करोड़ पौधे रोपित कराया। इस वर्ष एक जुलाई से सात जुलाई तक मनाये जा रहे वन महोत्सव सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित है। तथा यह खुशी की बात है कि लोगों के अथक प्रयास से कल 05 जुलाई को गुरूपूर्णिमा के अवसर पर ‘मिशन वृक्षारोपण 2020’ के अन्तर्गत एक ही दिन में 25 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित की गयी है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक ऐसा जीवन मंत्र है, जो शरीर को निरोग करता है। हमें आयुर्वेद उपचार को प्राथमिकता देनी चाहिए। औषधीय पौधों का अधिक से अधिक रोपण मानव स्वास्थ्य के लिए भविष्य में बहुत प्रभावी साबित होगा। वृक्षारोपण में ऐसे वृक्ष की प्रजातियों का चयन किया जाय जो विकसित होने पर अपनी छाया, औषधीय गुणों और फल-फूल से मानवता के लिये मददगार हों। हम सबको जैव विविधता के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए और अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना चाहिए, जिससे हमारे आस-पास के जैव विविधता में बढ़ोत्तरी हो एवं पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने कहा कि आस-पास पर्यावरण ही हमें जीवन देता है। इसलिए नदियों को पुनर्जीवित करना, तालाब खुदवाना इत्यादि नवाचार बहुत सराहनीय है।
उन्होंने सामाजिक कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने भाव व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देश के सभी बच्चों को शिक्षा मिले। कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे, ये हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। यदि कोई बच्चा किन्हीं कारणवश अपनी पढ़ाई छोड़ देता है, तो उनके माता-पिता को समझाकर शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने समाज में व्याप्त दहेज जैसी कुप्रथा  पर दुःख जाहिर करते हुए कहा कि समाज के पढ़े लिखे लोग जब इस कुप्रथा को बढ़ावा देते है, तो यह सोचकर बहुत दुःख की अनुभूति होती है। उन्होंने सभी से कहा कि यदि समाज के जितने भी पढ़-लिखे लोग है। अगर ये सभी पहल करें, तो इस बुराई को समाज से मिटाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान जनपद के प्रभारी मंत्री दारा सिंह चैहान, सांसद उपेन्द्र सिंह रावत, समस्त विधायकगण, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव, जिलाधिकारी डाॅ0आदर्श सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम, समस्त उपजिलाधिकारी, अपर जिला सूचनाधिकारी आरती वर्मा सहित सम्बन्धित अधिकारी व ग्रामीण मौजूद रहे।

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