गुजरात दंगा 2002 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी-

तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली।

इससे पहले सीतलवाड़ को इस मामले में 25 जून को गिरफ्तार किया गया था और 30 जुलाई को अहमदाबाद की एक शहर की अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी और शनिवार तक उन्हें इस शर्त पर रिहा करने का निर्देश दिया कि वह पासपोर्ट को सरेंडर कर दें।

सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की ओर से हलफनामा दायर किया गया है और कहा गया है कि छानबीन से पता चला है कि प हली नजर में तीस्ता के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं और उन्होंने फर्जी दस्तावेज और सबूत गुजरात दंगे के दौरान जुटाए। कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कोई हाईकोर्ट 6 हफ्तों का वक्त कैसे दे सकती है? साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्या ये गुजरात हाईकोर्ट का स्टैंडर्ड प्रोसिजर है या फिर तीस्ता को ही इसके लिए अपवाद बनाया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को नियमित जमानत के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को कुछ भी निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हमारे विचार में उच्च न्यायालय को मामले के लंबित रहने के दौरान अंतरिम जमानत देने के लिए उनकी प्रार्थना पर विचार करना चाहिए था।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

 

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