रक्तदान सही मायनों में महादान, पूजा इबादत से कम नहीं है दूसरे की जान बचाना -डॉ अनुपमा

“रक्तदान करना सही अर्थों में महादान है बल्कि इसे जीवनदान कहना भी गलत नहीं होगा क्योंकि एक बार रक्तदान करके हम कई लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा सकते हैं, अस्पतालों में भर्ती लोगों को अक्सर रक्त की जरूरत पड़ती है कई बार समय पर रक्त न मिलने से लोगों की मौत हो जाती है” यह कहना है जनपद बाराबंकी की सुप्रसिद्ध स्त्री रोग एवं बांझपन निवारण विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपमा का।

डॉक्टर अनुपमा बाराबंकी चिकित्सालय जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में आयोजित रक्तदान शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंची उन्होंने कहा कि, हम ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए पूजा और इबादत करते हैं वह भी बहुत अच्छा काम है, लेकिन मानव सेवा करके रक्तदान करके हम पूजा और इबादत जैसा ही पवित्र काम करते हैं।

जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ बृजेश कुमार भी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहे। उन्होंने मारवाड़ी युवा मंडल को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान शिविर में पहुंचकर पंजीकरण कराया और मानव सेवा के लिए रक्तदान किया।

कार्यक्रम में खासतौर पर जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर विनोद पाल सिंह वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर डीसी पांडे और डॉक्टर रोहित प्रसाद ने योगदान दिया, वही मारवाड़ी युवा मंच बाराबंकी संस्कृति शाखा की ओर से संस्था की अध्यक्ष नूपुर अग्रवाल संस्था की सचिव ऋतु जैन और कोषाध्यक्ष अंजना जैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कार्यक्रम में जनपद के तमाम गणमान्य नागरिक शामिल हुए, रक्तदाताओं को मारवाड़ी युवा मंच और जिला चिकित्सालय के द्वारा रक्तदान करके समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

द इंडियन ओपिनियन, बाराबंकी

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