Lawyer और Advocate में होता है बड़ा अंतर! जानिये क्या है वकीलों के काले कोट का राज….!

एडवोकेट यानि अधिवक्ता जिसे वकील भी कहा जाता है! विधि व्यवसाय कर अपनी जीविकोपार्जन करने वाला तथा समाज के हर तबके को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले काले कोट में अनुशासनात्मक व्यक्ति को एडवोकेट की संज्ञा दी जाती है।

अधिवक्ता बनने का सफर आसान नही होता लेकिन वर्तमान दौर में युवाओ का रुझान विधि व्यवसाय की ओर बढ़ा है और सोशल मीडिया पर तमाम युवा अपने नाम के आगे एडवोकेट लिखने लगे है जबकि एडवोकेट बनने के लिए महत्वपूर्ण चरणों को पार करना पड़ता है।

विधि व्यवसाय में lawyer और advocate(अधिवक्ता) अत्यधिक प्रचलित शब्द है किंतु इन दोनों में एक बड़ा अंतर होता है जिसकी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।

दरअसल Lawyer वह होता है जिसके पास लॉ (Law) की डिग्री होती है, लेकिन उसके पास किसी कोर्ट में केस लड़ने की अनुमति नहीं होती। मुकदमे लड़ने के लिए लॉयर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा पास कर लाइसेंस प्राप्त करना होता है इसके बाद वह एडवोकेट बनता है।

एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जिसके पास बार काउंसिल ऑफ इंडिया से लाइसेंस प्राप्त हो, वकालतनामा के अनुसार को भारत के किसी भी कोर्ट में केस लड़ सकता है। यही एक सवाल और भी उठता है कि अधिवक्ता सदैव काल कोट क्यो पहनते है तो उसका कारण है कि वकील काले रंग का कोट इसलिए पहनते है क्योंकि काला कोट अनुशासन और आत्मविश्वास दर्शाता है।

आलेख- नितेश मिश्रा

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