सुखोई और मिराज क्रैश, एक पायलट की मौत:ग्वालियर से उड़े, मुरैना में आपस में टकराए; मिराज वहीं गिरा, सुखोई 90 किमी दूर भरतपुर जा गिरा

शनिवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी मिलने में ढाई घंटे से अधिक का वक्त लग गया। एयरफोर्स के दो फाइटर प्लेन सुखोई-30 और मिराज-2000 शनिवार सुबह 10.00 से 10.30 बजे के बीच ग्वालियर के पास आपस में टकराकर क्रैश हो गए।
सुखोई पर दो और मिराज पर एक पायलट सवार थे। हादसे में सुखोई के दोनों पायलट सुरक्षित एजेक्ट होने में कामयाब रहे, लेकिन मिराज के पायलट की मौत हो गई। सुरक्षित बचे पायलट को चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों पायलट के नाम और बाकी डिटेल के बारे में एयरफोर्स ने अब तक कुछ नहीं बताया है।

अब पढ़िए हादसे के वक्त और बाद में क्या हुआ
एयरफोर्स का कहना है कि दोनों सुखोई और मिराज ने रुटीन ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ट्रेनिंग के दौरान बेहद पास उड़ान भर रहे थे। तभी दोनों आपस में टकरा गए। टकराने से मिराज में आग लग गई और वह मध्यप्रदेश के मुरैना के पहाडगढ़ में जा गिरा। इसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसके पायलट की मौत हो गई। घटनास्थल पर उसके एक हाथ की वीडियो फुटेज भी सामने आई।
टकराने के बाद सुखोई में आग नहीं लगी, लेकिन उसके विंग्स टूट गए। उसके दोनों पायलटों को जब लगा कि एयरक्राफ्ट क्रैश होने वाला है उन्होंने खुद को इजेक्ट कर लिया। दोनों पैराशूट के सहारे जमीन पर आ गिरे। इसके बाद सुखोई बिना पायलट के पहले वाले घटनास्थल से करीब 90 किमी दूर राजस्थान के भरतपुर जिले के पिंगोरा में जा गिरा। वहां मौजूद लोगों ने भी विंग्स टूटने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि जब विमान गिरा तब उसके विंग्स नहीं थे।
इस हादसे से जुड़े बड़े अपडेट्स

हादसे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह CDS जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से पूरे मामले की जानकारी ली।
हादसे की जांच के लिए भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठा दी है।

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