योगी जी दया करो, हजारों जल निगम कर्मियों के परिवार वेतन पेंशन ना मिलने से बेहाल!

द इंडियन ओपिनियन

उत्तर प्रदेश जल निगम कर्मचारियों और पेंशनरों की विगत 5 माह से वेतन पेंशन न मिलने एवं जल निगम प्रशासन द्वारा सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों कर्मचारियों के पेंशनरी देयको का भुगतान लंबे समय से ना करने के कारण उत्तर प्रदेश जल निगम के कार्यरत सभी वर्गीय अभियंताओं एवं कर्मचारियों के परिवारों का बुरा हाल है.


प्रदेश शासन का संचालन करने वाले बड़े अधिकारियों की संवेदनहीनता और लापरवाही का आलम यह है कि मीडिया में कई बार हजारों जल निगम कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन पेंशन ना मिलने की खबरें प्रकाशित हुई इसके बावजूद यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है । उत्तर प्रदेश में बीजेपी को दोबारा सरकार मिली है योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार सीएम बने हैं लेकिन फिर भी हजारों गरीब परिवारों की बदहाली की समस्या को सरकार के द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।

आए दिन धरना प्रदर्शन हो रहा है लेकिन समस्याओं का समाधान कई वर्षों से नहीं हो पा रहा है । प्रांतीय संगठनो ने अपनी समस्याओं के निदान हेतु धरना करते हुए सभी संगठनों के संघर्ष समिति बनाकर अपने बकाए वेतन पेंशन एंव सेवा निवृत्त कर्मियों के आंदोलन अनुपालन में धरना प्रदर्शन एवं सभा करते हुए मांगों का समस्याओं का निवारण करने की मांग की।

जल निगम कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए और, सितंबर 2020 से अब तक 5 माह का वेतन पेंशन तत्काल भुगतान किया जाए, 2016 से बकाया सभी पेंशनरी देयको का तत्काल भुगतान किया जाए, भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके मृतक कर्मियों के परिवार के आश्रित समस्या कि वर्ष 2018 से अवैधानिक रुप से अवरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति तत्काल प्रारंभ किया जाए।

जल निगम प्रशासन एवं उत्तर प्रदेश शासन से अपने बकाया वेतन एवं पेंशनरी लाभो का भुगतान शीघ्र करते हुए शासन प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का निराकरण तत्काल नहीं किया जाता है तो अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को और तेज करेंगे तथा जल निगम प्रधान कार्यालय लखनऊ में भी जाकर धरना प्रदर्शन एवं अनशन में भाग लेंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जल निगम प्रशासन एवं उत्तर प्रदेश शासन की होगी।

जल निगम के कर्मचारियों का विगत माह का वेतन भुगतान ना होने के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है ऐसी दशा में स्कूल की फीस, कमरे का किराया सहित अन्य दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना मुश्किल हो गया है। कई कर्मचारियों ने बैंक से लोन ले रखा है, लेकिन समय से वेतन न मिलने के कारण व लोन की किस्त जमा करने में असमर्थ हो रहे हैं। जिस कारण कर्मचारी मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं कर्मचारी हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं जिससे उनकी बात सरकार पहुंच सके।

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