पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने पाकिस्तान की सरकार को यह स्पष्ट तौर पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश में अल्पसंख्यकों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं इतना ही नहीं हिंदू ईसाई सिख और अहमदिया अल्पसंख्यकों की बेटियों का अपहरण जबरन और उन्हें इस्लाम कबूल करवा कर कई गुना अधिक उम्र के मुसलमानों के साथ निकाह कराने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं।
पाकिस्तान के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस बात को लेकर चिंता जाहिर की और इमरान खान सरकार से इसमें हस्तक्षेप करने को कहा इमरान खान सरकार ने 2019 की घटनाओं पर आधारित पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक नए मंत्रालय का गठन भी पिछले दिनों किया है जो यह प्रयास करेगा कि अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकओं के बीच बेहतर तालमेल हो और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न रोका जा सके।
लेकिन इमरान सरकार के दावों के बावजूद पाकिस्तान में हालात अल्पसंख्यकों के लिए लगातार मुश्किल होते जा रहे हैं इसीलिए बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक खास तौर पर हिंदू और ईसाई भारत की नागरिकता लेने के लिए प्रयासरत हैं!