संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 में सत्र के दौरान भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर बता दिया है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जम्मू कश्मीर को लेकर बेवजह के घड़ियाली आंसू अब नहीं सहन किए जाएंगे। महासभा के सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया वैसे ही भारतीय प्रतिनिधि अपना स्थान छोड़कर चले गए। जैसा कि पहले से ही माना जा रहा था कि इमरान खान एक बार फिर कश्मीर राग अलापने से बाज नहीं आएंगें इसलिए भारतीय प्रतिनिधि नें सभा से उठकर जाना ही उचित समझा।
●क्या कहा इमरान खान नें
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नें अपने पहले से रिकॉर्ड किये भाषण में जम्मू-कश्मीर विवाद, भारत में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार और आरएसएस के ही हिंदुत्ववादी एजेंडे को लेकर अपनी तीखी प्रक्रिया की। इमरान खान नें कहा, ” मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि फासीवाद, अधिनायकवाद आरएसएस के नेतृत्व वाली सरकार ने अगर पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामकता दिखाने की कोशिश की तो उसकी ऐसे राष्ट्र से मुलाकात होगी जो अपनी आजादी के लिए आखिरी तक संघर्ष करेगा।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नें भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए 2002 के गुजरात दंगों से लेकर पिछले साल जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जानें तक का जिक्र किया।
इमरान खान की कथनी और करनी में जमीन आसामन का अंतर है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीज फायर का सबसे ज्यादा उल्लंघन उसी नें किया है।
पिछले साल यानी 2019 में 16 सालों में सबसे अधिक 3168 बार सीज फायर को तोड़ा गया था वहीं 2020 में जून तक यह आंकड़ा 2027 तक पहुँच चुका था। इसके बावजूद इमरान खान गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए कहनें से बाज नहीं आ रहे हैं कि, पाकिस्तान नें नियंत्रण रेखा पर भारत की अधिकतम कार्यवाही के बावजूद संयम दिखाया है और हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से समाधान की बात की है।
●भारत नें दिया कड़ा जवाब
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाए जानें को लेकर भारत नें अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति नें पाकिस्तान के बयान को एक राजनयिक गिरावट कहा इसके अलावा झूंठ, व्यक्तिगत हमला, युद्ध भड़काने वाला, अपनें अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और सीमापार आतंकवाद को छुपाने की कोशिश करनें वाला बताया।
इमरान खान के भाषण के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के प्रथम सचिव मजितो विनितो सभा से उठकर चले गए थे। इसके बाद भारत नें ‘राइट टू रिप्लाई’ का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के बयान का जवाब दिया।
भारत की तरफ से मजितो विनितो नें कहा, “केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लाए गए नियम और कानून पूरी तरह से भारत के आंतरिक मसले हैं। कश्मीर में सिर्फ एक ही विवाद है वह अब भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उस अवैध कब्जे वाले सभी इलाकों को छोड़ने की मांग करते हैं।”
मिजितो विनितो नें पाकिस्तान और इमरान खान को लेकर कहा, “ये वही देश है जो खतरनाक और सूचीबद्ध आतंकवादियों को फंड मुहैया करवाता है, जिस नेता को आज हमनें सुना ये वही व्यक्ति है जिसनें ओसामा बिन लादेन को अपनी संसद में एक शहीद कहा था।”
मिजितो नें सिर्फ भारत का ही पक्ष नहीं रखा अपितु पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर भी मुखर होकर बोले। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस्लाम का हिमायती होनें का दावा करता है, ये ऐसा देश है जहाँ मुसलमानों की हत्या को बढ़ावा दिया जाता है क्योंकि वो अलग संप्रदाय से हैं।
भारत की तरफ से अपनी बात रखते हुए मिजितो नें पाकिस्तान को सलाह दी कि वह आतंकवाद को समर्थन देना छोड़कर एक सामान्य देश बन सकता है और अपने गलत इरादों के प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों का इस्तेमाल करना छोड़ दे।
-अराधना शुक्ला