
मुज़फ्फरनगर । थाना चरथावल क्षेत्र के ग्राम चौकड़ा में 12 जनवरी दिन मंगलवार को एक जख्मी पाढ़ा अचानक अपनी जान बचाते हुए गाँव में घुस आया। ग्रामीणों द्धारा गाँव में घुस आये जख्मी पाढ़ा की सूचना क्षेत्रीय वन अधिकारी और थाना चरथावल पुलिस को पुलिस दी गयी। जिस पर थाने के एक सिपाही ने गाँव पंहुचकर इस जख्मी पहाड़ा को प्राइमरी स्कूल के एक कमरे में बंद करा दिया। 24 घंटे से कमरे में बंद इस पहाड़ा की वन अधिकारीयो द्धारा जख्मी पहाड़ा का इलाज कराना तो दूर उसकी खबर तक नहीं ली है। ग्रामीणों द्धारा ही इस जख्मी पाढ़ा को चारा डाला जा रहा है वंही ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी रोष व्यक्त है की 24 घंटो से बंद निरिहि प्राणी पहाड़ा अपने जख्मो को लेकर तड़फ रहा है।

सरकार भले ही निरीह प्राणियों की लुप्त हो रही प्रजाति को बचाने के साथ साथ प्राणियों की प्रजाति संरक्षण के लिए करोडो रूपये खर्च कर। लेकिन लुप्त होती जा रही प्राणियों की प्रजाति का संरक्षण करने वाला विभाग कुम्भकरणी नींद में सोया हुआ है जनपद मुज़फ्फरनगर में भी वन विभाग की एक बहुत बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसका जीता जगता उदाहरण देखने को मिला ।
जनपद मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के ग्राम चौकड़ा में 12 जनवरी दिन मंगलवार को एक पाढ़ा अचानक गाँव में घुस आया। ग्रामीणों द्धारा इसकी सूचना वन अधिकारी और थाना चरथावल को दी गयी।
चरथावल थाने के एक सिपाही ने गाँव पहुंचकर जख्मी पाढ़ा को परिमारी स्कूल के एक कमरे में बंद करा दिया, 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उसकी कोई खबर लेने नहीं आया और ना ही वन विभाग से अधिकारीयो या कर्मचारियों की कोई टीम, ग्रामीणों में वन विभाग की लापरवाही से काफी रोष व्याप्त हो रहा है। वंही घायल पहाड़ा के जख्मों से खून फर्श पर बहता साफ़ नजर आ रहा है। ग्रामीणों द्धारा ही पहाड़ा को चारा खिलाया जा रहा है।
रिपोर्ट – संजीव कुमार, मुज़फ्फरनगर