*योगी सरकार का बड़ा फैसला, फसलों का गौवंश से नहीं होगा नुकसान, राजनीति करने वालों को दिया जवाब, प्रदेश के प्रत्येक जिले के प्रत्येक ब्लाक में बनेगी गौशाला ,गांव के आर्थिक विकास के लिए होगा ग्रामीण बाजार का निर्माण “द इंडियन ओपिनियन” के लिए देवव्रत शर्मा की रिपोर्ट*


लखनऊ … मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के ग्राम विकास आयुक्त ने सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को आदेश दिया है , की प्रत्येक जनपद के प्रत्येक विकासखंड में एक एक गौशाला का निर्माण करवाया जाए ,जहां निराश्रित गौ वंशीय पशुओं के प्राकृतिक आवास और चारे की व्यवस्था की जाएगी , इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के विकास के लिए प्रत्येक विकासखंड में एक ग्रामीण बाजार का भी निर्माण कराया जाएगा l

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए प्रदेश के ग्राम विकास आयुक्त एनपी सिंह ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैंl इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिया है, कि मनरेगा द्वारा कराये जा रहे समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कराये जाने के उपरान्त ही भुगतान किया जाय। मनरेगा के कार्यों तथा भुगतान में अनियमितता पाये जाने पर खण्ड विकास विकास अधिकारी व संलिप्त अन्य कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए अनुशासनिक एवं विधिक कार्यवाही की जायेगी।

उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने ब्लाॅक के गांवों में जाएं व ग्रामीणों से बात करें साथ ही मनरेगा व अन्य योजनाओं से कराये जा रहे कार्यों का स्थलीय सत्यापन कर मानक अनुरूप कार्य करायें। उन्होंने कहा कि पात्र लाभार्थियों को शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूर दिया जाय।

कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश


एनपी सिंह आईएएस ग्राम विकास आयुक्त

उन्होंने कहा कि मनरेगा में भौतिक सत्यापन न होने पर विभिन्न जनपदों से अनियमितता की शिकायत प्राप्त हो रही है। प्रमुख सचिव श्री अनुराग श्रीवास्तव द्वारा इस पर अंकुश लगाने हेतु शासनादेश निर्गत किया गया है, जिसका अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाय। श्री सिंह ने मनरेगा के कार्यों का ससमय भुगतान न होने पर गाजीपुर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, झांसी व अमरोहा के उपायुक्त मनरेगा से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए संबंधित जनपदों के खण्ड विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने का निर्देश दिया।
ग्राम्य विकास आयुक्त ने जनपद चित्रकूट, वाराणसी, मऊ, एटा, शाहजहांपुर, झांसी, कानपुरनगर, महोबा, आजमगढ़ एवं अमेठी में विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष मानवदिवस सृजन का औसत प्रदेश के औसत से काफी कम होने के कारण इन जनपदों के उपायुक्त मनरेगा तथा खण्ड विकास अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने इन अधिकारियों को शासकीय कार्यों के प्रति शिथिल कार्यशैली मंे सुधार लाते हुए 10 जनवरी तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि तक कार्य पूर्ण न होने पर इन सभी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना हेतु निर्धारित सभी मानकों के सापेक्ष सबसे खराब कार्य करने वाले सीतापुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर व महोबा के उपायुक्त श्रम एवं रोजगार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

श्री सिंह ने कहा कि कई जनपदों में शासकीय भ्रमण के उपरान्त यह पाया गया कि कई खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम्य विकास अधिकारी व रोजगार सेवकों को ग्राम्य विकास योजनाओं की सम्यक जानकारी नहीं थी, इस पर आयुक्त द्वारा गहरा रोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों को योजना के मूलभूत तत्वों से अवगत कराये जाने हेतु 3 दिन में कार्यशाला आयोजन करने का निर्देश परियोजना निदेशकों को दिया। इसीक्रम में उन्होंने मनरेगा योजनान्तर्गत तालाबों के अनुरक्षण और उनके किनारे वृक्षारोपण के कार्याें को शीघ्र पूर्ण किये जाने का निर्देश दिया।

ब्लॉक मुख्यालयों पर निवास करें बीडीओ

उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायते प्राप्त हुयी हैं कि मा0 मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत खण्ड विकास अधिकारी अपने ब्लाॅक पर रात्रि मंे निवास नहीं करते हैं, यह अत्यन्त आपत्तिजनक स्थिति है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को इस बाबत कड़ी चेतावनी जारी करते हुए रात्रि में भी अपने ब्लाॅक पर निवास करने की हिदायत दी।

हर ब्लाक में गौशाला निर्माण के लिए सीएम का विशेष निर्देश..

उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी का निर्देश है कि प्रत्येक ब्लाॅक में कम से कम एक विलेज हाट और एक गौशाला का निर्माण खण्ड विकास अधिकारी अपने स्तर से अवश्य कराया जाना सुनिश्चित करें। इससे प्रदेश में कार्यरत 521 खण्ड विकास अधिकारियों के माध्यम से इतने ही विलेज हाट और गौशाला का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में हो जायेगा।
ग्राम्य विकास आयुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में कन्वर्जेंस के माध्यम से 4663 आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा एक माह पूर्व ही धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। उन्होंने निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप मनरेगा कन्वर्जेंश के अंश की धनराशि संबंधित कार्यदायी संस्था को उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। कई जनपदों में आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं किया गया है जिस पर ग्राम्य विकास आयुक्त ने घोर आपत्ति दर्ज करते हुए इसी वित्तीय वर्ष में केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने के निर्देश जारी किएl