भारतीय सेनाओं के लिए अब बेहद जरूरी चीजों की खरीद की एक समय सीमा निर्धारित कर दी गई है यानि अब रक्षा सौदों में देरी की संभावना बेहद कम है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 (DAP-2020) के प्रावधानों से अवगत कराया। साउथ ब्लॉक में हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा सीडीएस विपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे। मोदी सरकार का रक्षा सौदों में होने वाली देरी को कम करने के लिए एक महत्पपूर्ण कदम है।
नई रक्षा खरीद नीति के तहत आने वाले पांच सालों के भीतर भारतीय सेनाएं 2290 करोड़ रुपये उपयोग करेंगी। बैठक में डीएसी की ओर से सेना के लिए 72 हजार अतिरिक्त अमेरिकी सिंगसॉर असॉल्ट राइफल खरीदने को मंजूरी मिल गई। ये लेटेस्ट असॉल्ट राइफल हैं, जिनकी खरीद पर लगभग 780 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस बैठक के दौरान 970 करोड़ की लागत से एंटी-एयरफील्ड हथियार और सेना और वायुसेना के लिए 540 करोड़ की लागत से हाई-फ्रीक्वेंसी रेडियो सेट की खरीद को भी मंजूरी मिल गई।
रक्षा मंत्री ने जिस नई खरीद नीति को मंजूरी दी है,उसमें इंटर गवर्नमेंटल एंग्रीमेंट और गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट एग्रीमेंट के साथ ही सिंगल वेंडर होने पर ऑफसेट लागू नहीं होगा।
इनपुट, एजेंसी