उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बदमाशों ने कानून व्यवस्था, पुलिस और प्रशासन को खुली चुनौती दी। जहाँ मंत्री और अफसर ये कहते हैं कि यूपी में अपराधी या तो जेल में हैं या फिर प्रदेश छोड़ कर चले गए हैं उनको ये वीडियो देखकर लगेगा कि अपराधी कितने बेखौफ हो गए हैं कि दिनदहाड़े लोगों के सामने वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
ताजा मामला अलीगढ़ में लूट का है, ज्वेलर्स की दुकान पर दिनदहाड़े तीन बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम तस्वीरों में देखिए किस तरह से बदमाश बेखौफ होकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं भय मुक्त शासन को चुनौती दे रहे हैं और किस तरह से लोगों की गाढ़ी कमाई लुट रही है।
इस संकट के दौर में कोरोना संक्रमण के दौर में जब हर आदमी का व्यापार चौपट हो गया है लोग गंभीर आर्थिक संकट में हैं, उस समय यह बदमाश यह निडर अपराधी किस तरह से घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हथियारों के दम पर लोगों का सुख चैन छीन रहे हैं और लोगों की जान का खतरा भी बना रहे हैंl ज्वेलरी शॉप में घुसे बदमाश कुछ ही मिनटों में लाखों रुपए का माल लूट कर फरार हो जाते हैं और व्यापारी परेशान अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।
इन हालातों में लोगों के दिल में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्या कर रहे हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के जिम्मेदार अफसर? उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया आखिर कैसे यूपी की सुरक्षा कर रहे हैं? उत्तर प्रदेश का गृह विभाग बेहतर प्रदेश के लोगों की जानमाल की हिफाजत के लिए कौन सी नीति पर काम कर रहा है ?
सीसीटीवी में कैद बदमाश बदमाशों का अंदाज यह बता रहा है कि उन्हें पुलिस और अदालत का कोई डर नहीं है, बन्नादेवी इलाके के सारसौल चौराहे के निकट स्थित सुंदर ज्वेलर्स में बदमाशों ने तमंचों के बल पर लूट की और तमंचा लहराते हुए वहाँ से फरार हो गए। सूचना पर पहुँची पुलिस सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की तलाश में जुट गई है। वारदात के बाद से व्यपारियों में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है।
अलीगढ़ के पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा और अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
प्रदेश में कुछ पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातें हुई हैं के बाद यह जरूरी है कि उत्तर प्रदेश का गृह विभाग और पुलिस नेतृत्व कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए अपनी नीति पर समीक्षा करें क्योंकि लोगों की जान माल की हिफाजत यदि नहीं हो पाती है, तो सारी व्यवस्थाएं विकास की पूरी गति बेमानी हो जाती है।
रिपोर्ट – मनीष सिंह,