आर्थिक मंदी के बीच थोक महंगाई दर में वृद्धि। The Indian Opinion.

अगस्त महीनें के खुदरा मंहगाई दरों के आंकड़े सरकार द्वारा जारी कर दिए गए हैं जिसमें अगस्त महीने में थोक महंगाई बढ़ी है, जबकि खुदरा महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त में खुदरा महंगाई दर घट कर 6.69 फीसदी रह गई  है। वहीं जुलाई के लिए भी खुदरा महंगाई दर में संशोधन किया है।

पिछले महीने जुलाई के लिए 6.93 फीसदी खुदरा महंगाई बताई गई थी, जिसे अब घटा कर 6.73 फीसदी कर दिया है। यानी जुलाई की तुलना में अगस्त में खुदरा महंगाई 0.04 फीसदी कम हुई है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) या खाद्य महंगाई अगस्त महीने में 9.05 प्रतिशत पर आ गई। इसके अलावा जुलाई के लिए भी को पहले 9.62 प्रतिशत से घटा कर 9.27 प्रतिशत किया गया है।
अगस्त में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 3.84 फ़ीसदी रही इस दौरान सब्जियों की मुद्रास्फीति 7.03 फ़ीसदी और दलहन के 9.86 फ़ीसदी रही, अंडे मांस और मछली की मुद्रास्फीति 6.23 फ़ीसदी पर थी। इस दौरान आलू के दाम 82.93 फ़ीसदी बढ़े। हालांकि प्याज 34.48 सस्ता भी हुआ। इसके अलावा ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति घटकर 9.8 फ़ीसदी  रह गई जो पिछले महीने यानी जुलाई में  84 फ़ीसदी थी। इस दौरान विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति बढ़कर 1.27 फीसदी हो गई जो जुलाई में 0.51फीसदी थी।

●वस्तुएं जिनके दाम बढ़े
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर अगस्त महीने में 0.16 फ़ीसदी रही जबकि पिछले साल इसी महीने में 1.17 फ़ीसदी दर्ज की गई थी। बरसात के चलते भी हरी सब्जियों के साथ-साथ आलू के दाम भी बढ़ गए।
खाद्य पदार्थ और सब्जियों के साथ पेय पदार्थ, चमड़े से बने उत्पादों, दवाइयों, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पादों, धातु, बिजली के उपकरणों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली।
भारतीय रिज़र्व बैंक मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को देखते हुए अपने नीतिगत निर्णय लेता है और सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक रखने का जिम्मा सौंपा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीनें मौद्रिक समीक्षा में मुद्रास्फीति बढनें की वजह से नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

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