इटावा: आन्दोलन के भय से प्रशासन ने किसान नेताओं को किया नजर बन्द।

सरकार द्वारा बनाये गए तीन कृषि कानून को काले कानून की संज्ञा देकर पिछले छह माह से चल रहे किसान आंदोलन की सुनवायी नही होने से नाराज किसान नेताओं ने किसान आंदोलन को छह माह पूरे होने पर क्षेत्रीय किसान नेताओं ने तीनो कृषि काले कानूनों को वापस लेने और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश के किसान संगठनों ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपने का निर्माण लिया था।
आपको बतादें पिछले छह माह से लगातार
पूरे देश के किसान दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे भारत के किसान आंदोलनरत है लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक अन्नदाता की मांग को स्वीकार नही किया है। जिसके संदर्भ में भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आव्हान पर इटावा जनपद के पदाधिकारियो ने आज के दिन बुधवार को काला दिवस के रूप में मनाया जाना था चूंकि प्रशासन ने रात को समस्त किसान पदाधिकारियो को घर के अन्दर ही नजरबंद कर लियस गया था इसलिए किसान नेताओं ने अपने आवासों पर ही महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन भरथना तहसीलदार हरीश चंद,पुलिस क्षेत्राधिकारी विजय सिंह,को सौंपा है।इस मौके पर कोतवाल बचन सिंह सिंह सिरोही चौकी प्रभारी नागेंद सिंह आदि भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के इटावा जिलाध्यक्ष संजीव यादव,संरक्षक रणवीर सिंह,अरविंद तोमर,जिला प्रभारी मधुर यादव,जिला सह प्रभारी ब्रजेश कुमार,जिला महासचिव अवनीश पाल,जिला उपाध्यक्ष अजय जाटव,व्लाक अध्यक्ष लंबे यादव व बंटी यादव,जीतू यादव,मोनू यादव इत्यादि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

रिपोर्ट- विजयेन्द्र तिमोरी, इटावा

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