इटावा: दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर भरा माइनर का पानी, पटरियां डूबी।

भरथना, इटावा। दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक स्थित भरथना रेलवे स्टेशन के निकट मोती मन्दिर लगुर की मठिया ओवरब्रिज के नीचे कन्धेसी माइनर बने सैफन में सोमवार की सुवह सवा पांच बजे कचड़ा फस जाने से सैफन चोक हो गई जिसके कारण माइनर का पानी ओवरफ्लो हो कर रेलवे ट्रैक पर पहुँच गया और माइनर का पानी रेल पटरियों के ऊपर से गुजरने लगा।

इस घटना की सूचना से रेल प्रसाशन व सिंचाई विभाग में बुरी तरह हड़कम्प मच गया। आननफानन में दौनो विभागों के अधिकारी मौके पर पहुँचे और सबसे पहले रेल प्रसाशन ने ट्रैक पर दौड़ती ट्रेनों के संचालन को कॉशन लगाकर धीमी गति से सुचारु रखा वहीं सिचाई विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी मशीन के सहयोग से सैफन में फंसे कचड़े को बाहर निकाल माइनर के पानी को दुरुस्त किया, जिसके बाद रेलवे ट्रैक पर भरा पानी माइनर के रास्ते निकलना शुरू हो सका।

रेल प्रसाशन ने इस घटना को सिचाई विभाग की अनदेखी और लापरवाही बताया है। वहीं सिचाई विभाग के अधिकारियों ने आम जनता व किसानों को दोषी मानते हुये माइनर में कचड़ा फेकने का आरोप लगाया है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मुकेश कुमार देव ने बताया कि माइनर में कचरा जमा होने से माइनर का पानी ओवरफ्लो हो गया था। किसानों ने अपने गेहूं की फसल काटने के बाद उसका कचरा माइनर में डाल दिया, जिससे माइनर रेलवे ट्रैक के नीचे बनी पुलिया चोक हो गई थी, जिसको जेसीबी से साफ कराया गया है रुके हुए पानी का संचालन शुरू हो गया है।


रेलवे अधिकारी वीके भारद्वाज एडीएन, रेलवे इटावा ने बताया कि रेलवे ट्रैक के नीचे से यह माइनर निकला है। यह माइनर काफी दिनों से बंद था अचानक से पानी छोड़ा गया और यह माइनर कॉलोनी के बीच से निकली है तो इसमें कचरा भी इखट्टा था एक साथ पानी कचरे को ले आया,जिसकी वजह से माइनर ओवरफ्लो होकर पानी रेलवे ट्रैक पर बहने लगा। उन्होंने बताया लगभग आधा दर्जन ट्रेनों को कॉशन लगाकर धीमी गति से निकाला गया है रेलवे यातायात बाधित तो हुआ है पर पूरी तरह बन्द नहीं हुआ था। धीमी गति से यातायात संचालित रहा।

रिपोर्ट -विजयेन्द्र तिमोरी,

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