इटावा। एक हलवाई कारीगर के रूप में पल बढ़कर अपने को जानी मानी समाजसेवी हस्ती के रूप में स्थापित करने वाले कमलेश यादव को भरथना की ग्राम सभा खितौरा प्रधानी की कुर्सी भारी बहुमत से हासिल हुई है।
उल्लेखनीय है कि खितौरा वह पावन और पवित्र धरती है,जहां महान संत जय गुरुदेव का जन्म हुआ था और उनके हजारों भक्त देश विदेश में जय गुरुदेव का संदेश गुंजाते हैं।
सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह है कि कमलेश यादव के विरुद्ध बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी कहे जाने वाले पंकज महाराज के चाचा और खितौरा में जयगुरुदेव आश्रम के संचालक सुनील यादव चुनाव मैदान मे थे।
निर्वाचित हुए प्रधान कमलेश यादव 54 वर्ष का जन्म इस गांव में स्व भूरे सिंह के घर हुआ था और 30 वर्ष पूर्व उन्होंने जसवंतनगर में एक खोखा में जलेबी,समोसा,बेढई की दुकान खोली थी। जसवंतनगर और आसपास के इलाकों के लोगों को अपने इन मिष्ठानों का ऐसा रसिक बनाया कि आज वह जसवंतनगर के सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी के हलवाई के रूप में प्रतिष्टित हो गये। उन्होंने अपनी कमाई से समाजसेवी बनने की राह चुनी और वह सबके हमदर्द बन गये साथ ही अपने गांव खितौरा से भी जुड़े रहे। यही वजह की वहां के मतदाताओं ने उन्हें प्रधानी की चाबी दिल खोलकर 148 के अन्तर से वोट देते सौंपी है।
नवनिर्वाचित खितौर प्रधान कमलेश के चुनाव जीतने पर बधाइयों का तांता लग गया है। उन्होंने अपनी जीत को सच्चाई की जीत बताया है।
रिपोर्ट-विजयेन्द्र तिमोरी,