कानपुर: आखिर आदित्य गुप्ता कैसे बना अब्दुल्ला! कैसे बना धर्मांतरण गिरोह का शिकार

कानपुर के काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले का मूक-बधिर युवक भी दिल्ली के धर्मांतरण गिरोह का शिकार बन गया। धर्मांतरण के बाद आदित्य घर लौटा तो अब्दुल्ला बन चुका था। घर में चोरी छिपे पांचों वक्त की नमाज भी अदा करने लगा था। घर वालों को तब पता चला जब वह 10 मार्च को घर से लापता हो गया। 12 मार्च को कल्याणपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस पीछे लगी। एटीएस द्वारा धर्मांतरण कराने वाले मौलानाओं की गिरफ्तारी के एक दिन पहले आदित्य उर्फ अब्दुल्ला घर लौट आया। आदित्य को परिजन किसी से नहीं मिलने दे रहे हैं। खुद भी बात करने से कतरा रहे हैं।

यूपी पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मूक बधिरों व गरीब लोगों का धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह का सोमवार को पर्दाफाश किया था। एटीएस ने गिरोह के दो सदस्यों दिल्ली निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को लखनऊ से धर दबोचा !

यूपी एटीएस के मुताबिक,यह गिरोह मूक बधिर और कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार करता था। इन्हें आईएसआई समेत अन्य विदेशी एजेंसियों से फंडिंग की जा रही थी। अब तक करीब एक हजार लोगों का यह गिरोह धर्मांतरण कर चुका है। उनके कब्जे से विदेशी फंड से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।

नोएडा के सेक्टर-117 में चलने वाले इस विद्यालय के मूक बधिर छात्र आदित्य गुप्ता का परिवार कानपुर नगर का रहने वाला है। माता-पिता से पूछताछ में पता चला कि उनके द्वारा आदित्य की गुमशुदगी की सूचना कानपुर नगर के कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसमें बाद में धारा-364 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। माता-पिता का कहना है कि उनके मूक बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन करा दिया गया है और उसे दक्षिण भारत के किसी राज्य में ले जाया गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ

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