रिपोर्ट – सरदार परमजीत सिंह,
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड/(CBDT)ने यूपीआई (UPI)सहित सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट एमडीआर(MDR)चार्ज नहीं लगेगा।केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल दिसंबर में एक सर्कुलर जारी करके बताया था कि 1 जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए पेमेंट करने पर एमडीआर समेत कोई अन्य चार्ज बैंक नहीं वसूलेगा।मोदी सरकार ने उक्त निर्देश देश में डिजीटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए दिया था।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी सर्कुलर नंबर 16/2020 दिनांक 30/08/2020 में बैंकों को आदेश दिया कि जो बैंक एक तय लिमिट के ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहकों से चार्ज वसूलते हैं,तो ऐसा करते हुए बैंक इनकम टैक्स एक्ट 1961(1/2)अंतर्गत धारा 269SU के तहत किसी इलेक्ट्रॉनिक मोड का इस्तेमाल का संज्ञान देते हुए निर्देश दिया कि वह 1 जनवरी 2020 के बाद किसी भी डिजिटल ट्रांजेक्शन पर वसूले गए चार्ज ग्राहकों को जल्द से जल्द वापस करें अन्यथा उन पर जरूरी कार्यवाही की जा सकती है।
कोई भी व्यक्ति भीम ऐप, फोन पे,गूगल पे या पेटीएम जैसे कई ऐप की मदद से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी कि यूपीआई का इस्तेमाल करते हुए डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की सुविधा पर लगने वाली फीस को एमडीआर कहा जाता है।कार्ड से होने वाले समस्त पेमेंट के एवज में उसे एमडीआर बैंक को चुकानी पड़ती है।यूपीआई के जरिए फंड ट्रांसफर की अधिकतम सीमा फिलहाल ₹100000 है।वैसे संबंध में अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग नियम है।