रिपोर्ट – रविनंन खजांची / मनीष निगम,
सरकारी कंपनी बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड (Balmer Lawrie and Company Limited) 1 सितंबर से कोलकाता में अपनी इंडस्ट्रियल पैकेजिंग यूनिट बंद करने जा रही है।
जानकारों के मुताबिक कम मांग के कारण इस यूनिट को सालों से घाटा हो रहा है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रबल बसु ने शनिवार को कहा कि यूनिट के सभी 40 स्थाई कर्मचारियों ने वीआरएस का विकल्प चुना है। इस यूनिट के बंद होने से इस सरकारी कंपनी को सालाना 7 से 10 करोड़ रुपये की बचत होगी।
बसु ने कहा कि यह यूनिट मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल बैरल्स बनाती है जिनकी मांग बहुत कम है। यही वजह है कि इस यूनिट को रिवाइव नहीं किया जा सकता है। इसके प्रमुख क्लाइंट सरकारी तेल रिफायनरी कंपनियां थीं लेकिन 2012 में सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए खरीद नीति में बदलाव किया था। उसके बाद से इन कंपनियों ने बामर लॉरी को ऑर्डर देना बंद कर दिया था
कर्मचारियों का क्या होगा
उन्होंने कहा, ‘बोर्ड ने इस यूनिट को बंद करने का फैसला किया है जो कई सालों से घाटे में चल रही है। इसके लिए सरकार से जुलाई में मंजूरी मिली थी और अब इसे 1 सितंबर से बंद कर दिया जाएगा। कर्मचारियों के लिए एक वीआरएस स्कीम लाई गई थी और सभी स्थाई कर्मचारियों ने इसे स्वीकार कर लिया।’ सूत्रों ने कहा कि इस यूनिट में करीब 40 और कर्मचारी भी जुड़े हैं जो ठेकेदार के तहत काम करते हैं।
यूनिट कोलकाता पोर्ट से लीज पर ले गई जमीन पर है और इसके बंद होने के बाद जमीन वापस कर दी जाएगी।
कंपनी के अन्य कारोबार
सूत्रों का कहना है कि इंडस्ट्रियल पैकेजिंग यूनिट के बंद होने से शहर में कंपनी का बाकी कारोबार प्रभावित नहीं होगा। बामर लॉरी की इस तरह की अन्य पांच यूनिट नवी मुंबई, सिलवासा, चित्तूर, चेन्नई और वडोदरा में है। कंपनी इंडस्ट्रियल ग्रीस, स्पेशिएलिटी लुब्रिकेंट्स, कॉरपोरेट ट्रेवल और लॉजिस्टिक्स सर्विसेज के कारोबार में भी है।