कौन बनेगा MLC? पूर्व MLC हरगोविंद सिंह हैं प्रबल दावेदार मतदाताओं से है पुराना व्यवहार!

पेशे से इंजीनियर और बिल्डर रहे हरगोविंद सिंह सियासत की मजबूत इमारत बनाने में भी अब माहिर हो चुके हैं । बहुजन समाज पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग का दौर उस समय अपने शबाब पर था जब एससी एसटी ओबीसी के साथ-साथ सामान्य वर्गों के लोग भी बहन मायावती के नीले झंडे के नीचे उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति का निर्माण कर रहे थे । बसपा शासनकाल में हरगोविंद सिंह ने जब जनपद के सैकड़ों स्थानों पर नीले रंग की होर्डिंग लगवाई तभी सियासी जानकारों ने यह अंदाजा लगा लिया था कि बहुजन खेमे में एक और क्षत्रप अपनी सेना के साथ शामिल होने वाले हैं और छत्रिय समाज के हरगोविंद सिंह को बहन मायावती के आशीर्वाद से सदस्य विधान परिषद का चुनाव लड़ने और “माननीय” बनने का मौका भी मिल गया था।

बसपा से एमएलसी बने थे लेकिन 1 साल का कार्यकाल छोड़कर हो गए थे बीजेपी में शामिल:

अपना कार्यकाल समाप्त होने की साल भर पहले ही हरगोविंद सिंह ने बसपा के तत्कालीन कद्दावर नेताओं के साथ मायावती को अलविदा कह कर कमल के फूल को अपने हाथों में सहेज लिया और भगवा ध्वज धारण करके राष्ट्रवाद के महा समर में कूद पढ़े उस समय उन्होंने करोड़ों रुपए थे विधायक निधि का भी लालच नहीं किया और सब कुछ छोड़ कर भगवाधारी बन गए थे। भारतीय जनता पार्टी ने भी उनके त्याग बलिदान का मान रखा और 2017 के विधानसभा चुनाव में नवाबगंज सदर की सीट से उन्हें सपा विधायक सुरेश यादव के सामने महासमर में उतार दिया । लेकिन समाजवादी साइकिल पर सवार यदुवंशी क्षत्रिय सुरेश यादव का चक्रव्यूह हरगोविंद सिंह नहीं भेद पाए और अब सदस्य विधान परिषद के चुनाव के लिए एक बार फिर से अस्त्र शस्त्र सहित मैदान में हैं ।

हरगोविंद का दावा अनुभव भी है और जिले भर में अच्छा व्यवहार भी:

हरगोविंद सिंह के पास एमएलसी का चुनाव जीतने का अनुभव भी है और भाजपा के कई कैबिनेट मंत्रियों और बड़े नेताओं से उनके सीधे संबंध भी हैं इतना ही नहीं जिले के गांव गांव और हर कस्बे में उनका अपना व्यवहार भी है। हरगोविंद सिंह कहते हैं “2017 के विधानसभा चुनाव में जनता का खूब समर्थन मिला परंतु ईश्वर ने जो फैसला दिया उसे स्वीकार किया। एमएलसी के चुनाव का उन्हें पूरा अनुभव है और समीकरण उनके पक्ष में हैं उम्मीद है कि पार्टी मौका देगी और यदि मौका मिलता है तो विजय सुनिश्चित है।” हरगोविंद सिंह के मुताबिक एमएलसी के चुनाव में वोट देने वाले लगभग 3000 निर्वाचित प्रतिनिधियों में अधिकांश उनके पुराने परिचित हैं जिनसे उनका अच्छा व्यवहार रहा है और उनके सुख-दुख में साथ ही रहे हैं हर वर्ग के मतदाता उनके साथ हैं इसीलिए उन्हें अपनी जीत का भरोसा है और वह पार्टी से एमएलसी चुनाव लड़ने के लिए पूरी दमदारी के साथ टिकट मांग रहे हैं।

समाज के सभी वर्गों में है हरगोविंद सिंह की पकड़:

वैसे तो हरगोविंद सिंह क्षत्रिय समाज में आते हैं और भारतीय जनता पार्टी की राजनीति पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं उनका दावा है कि उनकी पकड़ समाज के सभी वर्गों में है बसपा में कई सालों तक संगठन और सदन से जुड़े रहने के चलते समाज के सभी तबकों में वह लोगों से जुड़े हैं अल्पसंख्यक समाज के निर्वाचित प्रतिनिधियों में भी उनका अच्छा व्यवहार है।

पॉलिटिकल डेस्क: दा इंडियन ओपिनियन लखनऊ दीपक मिश्रा प्रधान संवाददाता

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