8 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले फर्टीलाइजर स्थित खाद कारखाने का आज निरीक्षण करने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा गोरखपुर पहुचे निरीक्षण के बाद कार्यों पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि हमारा देश और पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है ऐसे में यहां तेजी से किए गए कार्य को लेकर हम यहां के सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं और लगता है कि समय सीमा के अंदर ही सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस खाद कारखाने के चालू होने के बाद देश के किसानों को सस्ते दामों पर खाद और उर्वरक मिल सकेगी विगत 1 वर्षों से देश और विदेश कोविड-19 की महामारी का दंश झेल रहा है ऐसे में इस कारखाने के लिए जो कार्य अभी तक हुए है वो काबिले तारीफ है कार्यों को देख कर लग रहा है कि समय सीमा के अंदर ही इस खाद कारखाने का काम पूरा हो जाएगा
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान कुछ कंपनियों ने अपना सुझाव भी पेश किया है।
इस पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। जापान की कंपनी ने 1967 और 68 में इस फर्टीलाइजर की नींव रखी थी उसके बाद टोयो कंपनी ने इस खाद कारखाने को लगाया था आज एच यू आर एल इस कारखाने की पूरी जिम्मेदारी निभा रही है
उन्होंने कहा कि केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री 6 बरसों बाद गोरखपुर में आ रहे हैं इसके पहले जब वह केंद्र में रेल मंत्री थे तब गोरखपुर उनका आगमन हुआ था केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए जो भी केंद्र द्वारा योजना लागू किए जा रहे हैं।
उस पर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करूं और उसे जल्द से जल्द पूरा किया जा सके आज मैं गोरखपुर आया हूं गोरखपुर की विकास को देखकर मेरा मन प्रफुल्लित गोरखपुर की प्रगति के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की प्रगति को देखकर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल से धन्यवाद देता हूं साथ ही देश के प्रधानमंत्री को इस योजना के लिए धन्यवाद देता हूं केंद्र सरकार द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जाती हैं उसको पूरा करने में राज्य सरकार का बहुत बड़ा सहयोग और योगदान रहता है और उत्तर प्रदेश की सरकार ने केंद्र द्वारा जो योजनाएं लागू किए जाते हैं उसको लेकर हमेशा गंभीर होते हुए अपना योगदान दिया है मैं उत्तर प्रदेश और उनकी सरकार को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस कार्यों में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया
रिपोर्ट – मनोज कुमार, गोरखपुर