चीन से तनाव के बीच रक्षा मंत्री ने लद्दाख का किया दौरा।

राजनाथ सिंह ने लेह में पूर्व सैनिकों से मुलाकात की; कहा- हमारी सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन की मांग को किया पूरा

पिछले कई महीनों से जारी चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार से लद्दाख के 3 दिन के दौरे पर हैं। सबसे पहले वे लेह पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व सैनिकों से मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में कितना सम्मान है, ये बताने की जरूरत नहीं है। 30-40 वर्षों से वन रैंक, वन पेंशन की समस्या चली आ रही थी। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही वन रैंक, वन पेंशन की मांग को पूरा किया।


लद्दाख दौरे पर राजनाथ बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही राजनाथ सीमा पर तैनात जवानों से मुलाकात कर उनका हाल भी जानेंगे।
पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारत के 20 जवानों की शहादत के 8 महीने बाद चीन के साथ समझौता हुआ था। लद्दाख की पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटना शुरू हुई थी।

खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। उन्होंने दावा भी किया था कि इस समझौते से भारत ने कुछ नहीं खोया है और कहा कि हम किसी भी देश को अपनी एक इंच जमीन भी नहीं लेने देंगे। हालांकि, उसके बाद भी चीन की सैन्य गतिविधि बॉर्डर पर लगातार जारी है।

गलवान में चीन के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प के 18 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे थे। उन्होंने जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया था।
मोदी ने लद्दाख स्थित नीमू बेस पर थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी थे। मुलाकात के बाद जवानों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए थे।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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