रिपोर्ट – अराधना शुक्ला
आरोग्य सेतु ऐप कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की पहचान और रोकथाम में कारगर साबित हो रहा है। इस ऐप की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों से बहुत से मरीजों का अपने आप पता चला हैl एप्लीकेशन शरीर के विभिन्न लक्षणों के डाटा के हिसाब से यूजर्स को अलर्ट मैसेज देता है साथी स्वास्थ्य विभाग को भी संदिग्ध करोना मरीजों के बारे में जानकारी देता है।
जिसके द्वारा मरीजों को ट्रेस करना और उनकी जांच करके उनका इलाज करने में महत्वपूर्ण सहायता मिलती है। भारत में जब कोरोना वायरस ने दस्तक देनी शुरू की थी तब से ही सरकार द्वारा आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने की हिदायत दी जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के कई देश तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं।
भारत में भी इसी तरह का ऐप है- “आरोग्य सेतु”।इस ऐप का जिक्र प्रधानमंत्री द्वारा अपने ‘देश के नाम संबोधन’ में भी किया जा चुका है और उन्होंने इसे सभी देशवासियों से डाउनलोड करने की अपील भी की थी।
इस प्रकार के ऐप कई देशों में प्रयोग किए जाते हैं जो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आरोग्य सेतु एप एक तरह का लोकेशन ट्रैकिंग ऐप है जिसमें कुछ जानकारी दी गई होती है। उपयोगकर्ता उस जानकारी के उसके अनुसार अपनी जानकारी ऐप में साझा करता है। उपयोगकर्ता को अपने मोबाइल फोन में ब्लूटूथ को ऑन किए रहना होता है जो लोकेशन को ट्रेस करने में सहायता करता है।
इस तरह की लोकेशन ट्रैकिंग वाले एप्लीकेशन के माध्यम से दक्षिण कोरिया चीन और ताइवान आदि देशों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में सफलता मिली है। जर्मनी और इटली की सरकारों ने उन क्षेत्रों का पता लगाने के लिए तकनीक का प्रयोग किया है जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे।
दक्षिण कोरिया में ‘कोरोना 100 एम’ नाम से एक एप बनाया गया है। यह प्रभावित रोगियों के स्थान का पता लगाकर उनको ट्रेस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि पीड़ित व्यक्ति के 100 मीटर के दायरे में कोई स्वस्थ्य व्यक्ति आता है तो यह ऐप उसे को सावधान करता है।
पिछले दिनों यूपी के बाराबंकी में आरोग्य सेतु एप के द्वारा ही एक कोरोना पॉजिटिव मरीज का पता चला था। जिसको वहां के डीएम ने ट्वीट के द्वारा लोगों को जानकारी दी थी। गौरतलब है कि यह अक्सर देखने को मिलता है कि आरोप सेतु एप के द्वारा, आसपास में कोरोना पॉजिटिव मरीज या कोरोना संदिग्ध मरीज के बारे में पता चल पाता है।
भारत की “आरोग्य सेतु-ओपन सोर्स कोविड-19 संपर्क ट्रेसिंग सिंड्रोम मैपिंग और सेल्फ अस्सेमेन्ट” इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है।