जैदपुर के बाद भविष्य में हैदरगढ़ और लोकसभा सीट भी गौरव रावत के सियासी मैदान का होगा हिस्सा “द इंडियन ओपिनियन” के लिए आदित्य कुमार की रिपोर्ट


✍️ आदित्य कुमार :

वैसे तो गौरव रावत 2009 से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे लेकिन बाराबंकी के नेताओं ने उन्हें शायद उतनी गंभीरता से नहीं लिया था । 2019 के पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी से लोकसभा का टिकट हासिल करने के लिए काफी जद्दोजहद की जिले से लेकर लखनऊ तक तमाम नेताओं की गणेश परिक्रमा भी की लेकिन युवा नेता गौरव रावत की बजाय पार्टी ने बुजुर्ग नेता रामसागर रावत पर दांव आजमाना बेहतर समझा था ।

हालांकि राम सागर के चुनाव हारने के बाद पार्टी को यह एहसास हुआ कि
“जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है” और जैदपुर के उपचुनाव में गौरव रावत के “युवा जोश” को समाजवादी पार्टी के “युवा नेतृत्व” की मंजूरी मिली और जनता के आशीर्वाद से गौरव रावत ने “समाजवादी पार्टी का गौरव” भी बढ़ाया l

मतगणना स्थल पर जैसे-जैसे चुनाव परिणामों की तस्वीर साफ हो रही थी गौरव रावत के चेहरे की चमक और विपक्षी खेमे के निराशा बढ़ती जा रही थीl
खास बात यह है कि विपक्षी खेमे में सिर्फ भाजपा कांग्रेस और बसपा के लोग नहीं थे, सपा के भी ऐसे बहुत से लोग थे जो किसी नौजवान को आसानी से विधायक बनते नहीं देखना चाहते थे, बल्कि कुछ और समय तक अपना शागिर्द बनाए रखकर बनाकर अपनी सेवा करवाना चाहते थेl

लेकिन जनता ने जब सिर पर जीत का ताज पहनाने का फैसला कर ही लिया था तो गौरव रावत का जलवा कायम होने से आखिर कौन रोक सकता थाl
विधायक बनने के साथ ही गौरव रावत ने बाराबंकी की सियासत में एक मजबूत युवा नेता के रूप में एंट्री कर ली है और यह गौरव रावत के सियासी सफर की शुरुआत हैl

जिले में जैदपुर और हैदर गढ़ की सुरक्षित सीटें ही नहीं बल्कि जिले की लोकसभा सीट भी भविष्य में गौरव रावत की सियासत का मैदान होंगीl

जैदपुर की सियासी पिच पर बेहतर बैटिंग करके गौरव ने जिस तरह उपचुनाव का मैच समाजवादी पार्टी के नाम कर दिया तो फिर पार्टी के नेतृत्व ने जरूर अपने इस युवा ऑलराउंडर खिलाड़ी कि बेहतर पहचान कर ली है और आने वाले समय में बाराबंकी की सियासत में जब जब चुनावी संग्राम होंगे समाजवादी पार्टी सुरक्षित सीटों के लिए अपने योद्धा को जरूर जौहर दिखाने का मौका देगी l

इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के सभी गुटों के मठाधीशो को जिस तरह अपने बेहतर व्यवहार से संतुष्ट करके गौरव रावत ने जैदपुर के चुनावी मैदान में उतारा और उनकी मेहनत से फायदा लेते हुए जीत का सेहरा बांधा उससे उनके कुशल राजनीतिक और कूटनीतिक योग्यता का भी अंदाजा लगता हैl
चाहे पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप या फिर पूर्व मंत्री राकेश वर्मा, सपा मुखिया के करीबी युवा एमएलसी राजेश यादव राजू हो या सदर विधायक सुरेश यादव हो सभी ने गौरव रावत को जिताने के लिए जिस तरह से जैदपुर के मैदान को मथ दिया उससे निश्चित तौर पर पार्टी हाईकमान की नजर में बाराबंकी समाजवादी पार्टी के पूरे “संगठन का गौरव” बढ़ा है और गौरव रावत के लिए तो 2019 की दिवाली जिंदगी की सबसे बड़ी दिवाली बन गईl

युवा कार्यकर्ता से उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक विधानसभा का सदस्य बनने का मौका उन्हें 2019 की दिवाली के पहले मिला और गौरव रावत कभी नहीं भूलेंगे कि बाराबंकी का जैदपुर क्षेत्र उनके राजनैतिक जीवन का पहला मुकाम बना जहां उन्हें शरण मिली सम्मान मिलाl

ऐसे में उनके ऊपर भी यह बड़ी जिम्मेदारी होगी एक तरफ तो जिले के सभी गुटों के समाजवादी दिग्गजों से बेहतर तालमेल बनाकर रखें और जैदपुर की जनता को बतौर विधायक बिना भेदभाव के विकास सुविधाओं और बेहतर व्यवहार के जरिए एहसास दिलाते रहें की, नवनिर्वाचित विधायक गौरव रावत “जैदपुर की जनता का भी गौरव है”l