निजीकरण के खिलाफ एकजुट हुए विद्युत अभियंता और कर्मचारी … आम जनता और किसानों के साथ मिलकर करेंगे बड़ा आंदोलन ..प्रदेश में हो सकता है ” ब्लैक आउट “.


.विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि वह ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की प्रस्ताव को वापस ले ले …बाराबंकी में आयोजित धरना प्रदर्शन में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस बात पर चिंता जताई कि उत्तर प्रदेश सरकार गलत जानकारियों के आधार पर विद्युत व्यवस्था के संचालन का दायित्व निजी कंपनियों और फ्रेंचाइजी को देने का निर्णय कर रही है …

कार्यक्रम में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि विद्युत विभाग के निजी करण के सरकारी प्रयास का पुरजोर विरोध किया जाएगा ..क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान साधारण उपभोक्ताओं आम जनता किसानों और छोटे कामगारों का ही होगा… क्योंकि निजी करण होने से बिजली और अधिक महंगी होगी और उसका सीधा भार उपभोक्ताओं के ही ऊपर जाएगा

पूर्व में सरकार और ऊर्जा प्रबंधन को दिए गए नोटिस के क्रम में बाराबंकी में आज पांचवें दिन लगातार किया विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 27 मार्च के बाद आंदोलन का दायरा बढ़ाया जाएगा और पूरे प्रदेश के विद्युत कर्मचारी और अभियंता मिलकर पूर्ण कार्य बहिष्कार करके सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे ..और इसमें किसानों और आम जनता को भी जोड़ा जाएगा.. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अधिशासी अभियंता आर के श्रीवास्तव विद्युत कर्मचारी नेता के के सिंह जूनियर इंजीनियर संगठन के सचिव संदीप मौर्या अभियंता संघ के जिला संयोजक प्रेम प्रकाश इंजीनियर राधेश्याम भास्कर इंजीनियर नजम अहमद बड़ी संख्या में विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे..