पुलिस की कार्यशैली पर बीजेपी सांसद को नहीं है भरोसा ? सीएम की भेजा पत्र!

बीते 23 मई को बाराबंकी शहर के पीर बटावन मोहल्ले के निवासी अभय शुक्ला की पत्नी पूजा शुक्ला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है ।

इस मामले में पूजा के भाई राजेश त्रिवेदी बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाते हैं कि उनकी बहन पूजा को पिछले कई वर्षों से ससुराली जनों के द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था शारीरिक और मानसिक रूप से भी परेशान किया जाता था।

राजेश का आरोप है कि उनकी बहन को लगातार ससुराल में मारा पीटा जाता था और उनकी बहन ने कई बार उनसे बताया कि उसे बचा ले नहीं तो उसकी हत्या हो जाएगी । राजेश ने इस बात से संबंधित ऑडियो भी बाराबंकी पुलिस को सौंपी हैं जिनमें फोन से बातचीत के दौरान उनकी बहन यह कह रही हैं कि उनके ससुराल वाले उन्हें मार डालेंगे उनकी जान बचा ली जाए।

23 मई के दिन जब राजेश त्रिवेदी और उनके परिजन बहन के ससुराल पहुंचे तो वहां बहन का शव संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता हुआ पाया गया राजेश का कहना है कि शव की स्थिति देखकर यह स्पष्ट हो रहा था कि उनकी हत्या की गई और उन्हें मार के लटकाया गया।

उन्होंने बाराबंकी पुलिस से संपर्क करके मुकदमा दर्ज करवाया लेकिन उनका आरोप है कि बाराबंकी पुलिस मामले में हत्या अभियुक्तों का सहयोग कर रही है निष्पक्ष कार्यवाही नहीं कर रही है इसकी वजह से अभियुक्तों को लाभ मिल रहा है कई बार पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद भी जब राजेश को न्याय की उम्मीद नहीं मिली तो उन्होंने बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत से गुजारिश की।

सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने मामले को समझने का प्रयास किया और जब वह संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूजा त्रिवेदी हत्याकांड मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने की मांग रखी है । सांसद मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहते हैं कि अभय शुक्ला और उनके परिवारी जनों ने दहेज की प्रताड़ना देते हुए rajes trivedi की बहन की हत्या कर दी आरोपी अभय शुक्ला एक सरकारी कर्मचारी हैं उनकी ऊंची पहुंच है इसलिए पुलिस सही कार्यवाही नहीं कर रही है सांसद का कहना है कि मामले में उच्च स्तरीय जांच जरूरी है..

वह इस मामले में बाराबंकी पुलिस के अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार उचित कार्यवाही की जा रही है।

अब ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या बाराबंकी के बीजेपी सांसद को अपने जिले में तैनात पुलिस विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है और यदि है तो फिर आम जनता के लिए यह बड़े ही विरोधाभास की स्थिति है कि जब सांसद जी ही जिला पुलिस पर यकीन नहीं करते तो जनता कैसे अपने पुलिसकर्मियों पर भरोसा करेगी।

रिपोर्ट – नितेश मिश्रा

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