उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व ही, योगी सरकार ने रविवार को अपना बहुप्रतिक्षित मंत्रिमण्डल विस्तार कर दिया है। इस पर सभी विपक्षी दल अनेकों सवाल उठा रहें है। आज यानी सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कैबिनेट विस्तार को जातिगत आधार पर लिया गया फैसला बताया।
इसके अलावा रविवार को ही सरकार के गन्ने की फसल का समर्थन मूल्य को बढ़ाने की घोषणा पर भी बसपा सुप्रीमो ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध-वर्ग सम्मेलन में सरकार बनने पर गन्ना का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात कहने के बाद सरकार ने ये फेस सेविंग फैसला किया है।
मायावती ने कहा कि भाजपा ने यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते, क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे, तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं। बल्कि इनके हितों में बसपा की सरकार में जो भी कार्य शुरू किए थे, उन्हें भी अधिकांश बंद करा दिया गया है।
इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्ग को सावधान रहने की सलाह।
यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार साल तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही। गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया। जिस उपेक्षा की ओर 7 सितंबर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर, अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है। जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है।
केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।
रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार ने सोशल इंजीनियरिंग के साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है। नए मंत्रियों में ज्यादातर चेहरे युवा हैं।
सरकार का दावा है कि भाजपा सरकार के इस मंत्रिमंडल विस्तार में सबका साथ, सबका विकास फार्मूले को मूर्त रूप दिया गया है। कैबिनेट विस्तार में हर तबके को प्रतिनिधित्व दिया गया है। साथ ही सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा गया है।
विस्तार से भाजपा ने लोगों में समरसता का संदेश और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर दिया है। इसके अलावा पंडित दीनदयाल जी के सपने को साकार करने के दिशा में बड़ी पहल की है। वहीं, दूसरी तरफ पार्टी की ओर से एमएलसी के लिए शाहजहांपुर के जितिन प्रसाद, शामली के चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर, गोरखपुर के निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और मुरादाबाद के गोपाल अंजान भुर्जी के नाम पर मुहर लगा दी गई है।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी