प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां उफान पर हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। प्रयागराज जिले में गांव से लेकर शहर तक बाढ़ का कहर जारी है। प्रयागराज में छोटा बघाड़ा सलोरी, दारागंज, नेवादा, बेली कछार में अब तक हजारों मकान पानी में डूब चुके हैं।
मकानों के एक मंजिल तक बाढ़ का पानी घुस गया है चोरी के डर से लोगों ने दूसरी मंजिल पर अपना ठिकाना बना रखा है। जिन गलियों में गाड़िया फर्राटा दौड़ती थी आज उन गलियों में बाढ़ का पानी लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है,
लोग कमर तक डूबकर रास्ता पार कर रहे है।आने जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बचा हुआ है। लोग यहां प्रशाशन की मदद के इंतज़ार में बैठे है।
संगम नगरी में गंगा और यमुना नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए पीएसी,जल पुलिस और एसडीआरएफ के बाद अब एनडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया है। टीम बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पेट्रोलिंग कर रही है। इसके साथ ही साथ लोगों को अनाउंसमेंट के जरिए सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए भी कह रही है।
लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं और बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें रेस्क्यू कर बाहर भी निकाला जा रहा है। कि कुछ लोग जो कि अपने घरों में पहली मंजिल पर शरण लिए हुए हैं वह लोग बाहर नहीं निकलना चाहते हैं।
दरअसल उन्हें मकान में चोरी होने का डर सता रहा है। जिसके चलते बाढ़ के खतरे के बावजूद कुछ लोग अपने घरों में अभी भी बने हुए हैं। लेकिन प्रशासन लगातार लोगों से बाहर आने की अपील कर रहा है।
रिपोर्ट – मनीष वर्मा, प्रयागराज