बलरामपुर :भाजपा ने दर्ज़ करवाया है फ़र्ज़ी मुकदमा, मैं नहीं गया तुलसीपुर : डॉ भानु त्रिपाठी

बलरामपुर: पूरे उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के बाद जिला परिषद बोर्ड और ब्लॉक स्तरीय बोर्ड को बनाने की कवायद तेज हो गई है। फिलहाल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 को देखते हुए इनके चुनावों को टाल दिया है। लेकिन राजनीतिक अखाड़ों में कसरत जारी है। बलरामपुर जिले में भी जिला परिषद और ब्लॉक परिषद में स्थापित होने वाले बोर्डों को लेकर पार्टियां जोड़-तोड़ करने में जुटी हुई हैं। लेकिन सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के ऊपर आज समाजवादी पार्टी के नेताओं ने गंभीर आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को जनता द्वारा नकार दिया गया तो वह जोड़-तोड़ की राजनीति करने और जो लोग जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हैं। उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लाद रही है। उनके ऊपर जिला प्रशासन और पुलिस के माध्यम से दबाव बनाया जा रहा है।

अध्यक्ष ऑफिस के बाहर लगाता है पान की गुमटी :-

बलरामपुर जिले में समाजवादी पार्टी के नेता डॉ भानु त्रिपाठी पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज होने के बाद से जिले की सियासत में हडकंप मच गया है। दरसअल, तुलसीपुर बीजेपी अध्यक्ष के दफ्तर के बाहर पान की गुमटी लगाने वाले बालकराम ने तुलसीपुर थाने में एक तहरीर देकर सपा नेता भानु त्रिपाठी पर मुकदमा दर्ज कराया है।

क्या है सपा नेता पर आरोप :-

सपा नेता डॉ त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने पान दुकानदार से दुकान बंद होने के बावजूद गुटखा देने की मांग की और न देने पर उसे जाति पूछकर जाति सूचक गाली दी व मारपीट की। तुलसीपुर थाने में बालक राम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

क्या बोले डॉ त्रिपाठी :-

इसी बात को लेकर पूर्व मंत्री एसपी यादव ने डॉ0 भानु त्रिपाठी के समर्थन में एक प्रेस कांफेंस का आयोजन करते हुए तुलसीपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक कैलाश नाथ शुक्ला व बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि आने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है, क्योकि जिले में बीजेपी के महज 6 जिला पंचायत सदस्य ही जीते हैं। जिसके चलते बीजेपी के नेता बौखलाए हुए हैं और महज द्वेषपूर्ण राजनीति करते हुए

सपा के नेता डॉ0 भानु त्रिपाठी पर एक पान विक्रेता से तहरीर लेकर मारपीट गाली-गलौज व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। जो कि पूर्णतः गलत है, जिस दिन मेरे ऊपर मुकदमा पंजीकृत किया गया है उस दिन मैं तुलसीपुर गया ही नहीं हूं। पुलिस विभाग और जिला प्रशासन चाहे तो मेरी गाड़ी, मोबाइल का लोकेशन निकाल लें। इसके साथ ही वह घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को भी चेक कर ले।

क्या बोले पूर्व मंत्री डॉ यादव :-

पूर्व मंत्री डॉ एसपी यादव ने प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सासन सत्ता में बीजेपी है। इसीलिए प्रशासन भी उन्हीं की मदद कर रहा है। पूर्व मंत्री ने यह भी खुलासा करते हुए बताया कि जिस व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया है वह बीजेपी जिलाध्यक्ष का क़रीबी है और उन्ही के दफ्तर तुलसीपुर के बाहर पान की गुमटी लगाता है। पूर्व मंत्री ने दर्ज किए गए मुकदमे को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने मुकदमे को वापस नहीं लिया तो आने वाले वक्त में गांधीवादी तरीके से हम समाजवादी लोग धरना प्रदर्शन व आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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