बलरामपुर में कल बिना लग्न, खरमास के दौरान समाज कल्याण विभाग कराएगा 290 जोड़ो की शादी।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही धार्मिक मान्यताओं व सामाजिक रीति-रिवाजों में विश्वास रखती हो, लेकिन समाज कल्याण विभाग अलग ही विचारधारा बहा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं और वह धार्मिक रीति-रिवाजों व मान्यताओं में बहुत विश्वास रखते हैं। फिर भी समाज कल्याण विभाग होलिकष्टक यानी खरमास के दौरान सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत शादियों का आयोजन कर रहा है, जिसे ना केवल समाज के प्रकांड विद्वानों द्वारा धार्मिक रीति-रिवाजों के खिलाफ बताया जा रहा है। बल्कि जोड़ों के परिवारजन भी इस शादी में खासी रुचि लेते दिखाई नहीं दे रहे हैं।

खरमास में हो रहा है सामूहिक विवाह का योजन :-

उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी जिलों में सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों से आने वाले जोड़ों का विवाह ₹51000 की धनराशि के साथ समाज कल्याण विभाग संपन्न करवाता है, जिसमें बच्चियों को उनके दैनिक उपयोग की सामग्री व ₹35000 रुपए डीबीटी के माध्यम से खाते में दी जाती है। इसके साथ ही जोड़ों व उनके रिश्तेदारों के भोजन इत्यादि की व्यवस्था भी समाज कल्याण विभाग ही करता है। इस योजना की प्रदेश में काफी तारीफ भी होती है। लेकिन बलरामपुर जिले में सामूहिक विवाह योजना अभी विवादों में है।

खरमास में नहीं होता मांगलिक आयोजन :-

अगर हिंदू धर्मावलंबियों के पुरोहितों की मानें तो खरमास में किसी तरह का धार्मिक या मांगलिक आयोजन नहीं किया जा सकता है। वह बताते हैं कि होलिकाष्टक के बाद शुभ मुहूर्त है। अगर इस दौरान किसी तरह का मांगलिक आयोजन किया जाता है तो वह धार्मिक रीतिरिवाजों के विरुद्ध है। वह बताते हैं कि 13 अप्रैल से शुरू होने चैत्र नवरात्रि के बाद मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता। लेकिन समाज कल्याण विभाग चालू वित्त वर्ष में मिले सामूहिक विवाह योजना के बजट को खर्च करने की जल्दबाजी में धार्मिक मान्यताओं को ताख पर रखते हुए सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहा है। अगर यह बजट नहीं खर्च किया गया तो वह कोलैप्स हो जाएगा।

समाज कल्याण अधिकारी बोले हर जगह हो रहा है आयोजन :-

वहीं, जिन परिवारों के बेटियों के हाथ पीले होने हैं। वह भी इस सामूहिक विवाह के आयोजन का विरोध दबे मन के साथ करते हुए नजर आ रहे हैं। जब हमने इस मामले पर जिला समाज कल्याण अधिकारी एमपी सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि 290 जोड़ों का 26 मार्च के दिन विवाह का जिला स्तर पर जिला पंचायत सभागार में व ब्लाक स्तर पर ब्लॉक मुख्यालयों में सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत करवाया जाना है। जब उनसे खरमास के दौरान विवाह के आयोजन का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी आसपास के सभी जिलों में सआयोजन हो रहा है। इस लिए हम भी आयोजन कर रहे हैं। हम इसे रोक नहीं सकते हैं।

अब बलरामपुर के अधिकारियों को कौन बताए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं धार्मिक मान्यताओं में रुचि रखते हैं और वह हर काम धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ही करते हैं। फिर भी इस तरह का आयोजन जिलेवासियों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है।

रिपोर्ट – योगेंद्र विश्वनाथ तिवारी, बलरामपुर

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