बाराबंकी: समाज में अभी भी बाल विवाह का प्रचलन चल रहा है जिसके चलते कई लोग कम उम्र में ही बच्चों की शादी कर देते हैं जो उचित नहीं है अधिकतर देखा जाता है कि अक्षय तृतीया त्यौहार पर इस तरह के कार्यक्रम होते हैं जिनमें बाल विवाह को प्राथमिकता दी जाती है जो कानूनन सही नहीं है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मोर्य द्वारा बताया गया कि समाज के कुछ लोगो द्वारा लड़के और लड़की का विवाह निर्धारित आयु कमश : 21 वर्ष एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है । प्रायः इस प्रकार के विवाह अक्षय तृतीया के अवसर पर होते है जबकि इस सम्बन्ध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह होने पर सजा अथवा 100000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है ।
इस वर्ष अक्षय तृतीया दिनांक 14.05.2021 को है । ऐसे में बाल विवाह को हतोत्साहित करना जरूरी है तथा बाल विवाह की किसी भी घटना के सम्बन्ध में सूचना कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी , बाराबंकी टोल फ्री नं 181 महिला हेल्पलाइन एवं 1098 चाइल्ड लाइन अथवा अपने नजदीकी थाने पर दी जा सकती है।
कोविड -19 के संक्रमण से कई बच्चों ने अपने माता – पिता / अभिभावको को खो दिया है ऐसे समस्त बच्चों के पुनर्वास एवं उनकी सहायता हेतु निम्नवत परिस्थितियों में संकटग्रस्त बच्चों की सूचना टोल फ्री न0 181 महिला हेल्पलाइन एवं 1098 चाइल्ड लाइन पर दी जा सकती है। ऐसे बच्चे जिनके माता / पिता की मृत्यु कोविड -19 के संक्रमण के कारण हो गयी है अथवा ऐसे बच्चे जिनके माता / पिता कोविड पाजिटिव नही पाये गये किन्तु समस्त लक्षण कोविड -19 के समान ही थे , और उपचार के दौरान / अभाव में उनकी मृत्यु हो गयी है । ऐसे बच्चे जिनके माता / पिता कोविड -19 / समान लक्षणो से संक्रमित हो या किसी अन्य कारण से महामारी के दौरान अस्पताल में भर्ती हो तथा घर पर ऐसे बच्चों की देख – रेख करने वाला कोई न हो । ऐसे बच्चे जिनके माता / पिता कोविड -19 / समान लक्षणो से संकमित होने के कारण होम आइसोलेशन में हों तथा घर पर ऐसे बच्चों की देख – रेख करने वाला कोई न हो । उपरोक्त के सम्बन्ध में सूचना कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी , बाराबंकी / टोल फ्री नं 0 181 महिला हेल्पलाइन एवं 1098 चाइल्ड लाइन दी जा सकती है।
रिपोर्ट- सरदार परमजीत सिंह