बाराबंकी। बम्बई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में 28 दिसंबर 1885 को 72 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। 62 वर्षों तक आजादी की लड़ाई लड़ने के बाद कांग्रेस ने 15 अगस्त 1947 को इस देश को आजादी दिलाकर इस देश की आवाम को खुली हवा में सांस लेने का एहसास दिलाया। आजादी के बाद जिस देश में सुई नही बनती थी आज अगर वहां परमाणु बम बन रहे है तो यह कांग्रेस की देन है। आजादी के बाद आज एक बार फिर देश के अन्नदाता के चेहरे पर मायूसी है वह अपने तथा अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित है और पिछले 1 माह से दिल्ली सीमा पर अन्दोलनरत है। आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 136वां स्थापना दिवस किसान आंदोलन को समर्पित है। आज के दिन हम कांग्रेस परिवार के साथ संकल्प करते है कि जब हमने गांधी के हथियार अहिंसा को अपनाकर इस देश से अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया तो देश के अन्नदाता के आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ अहंकारी मोदी सरकार से टकराकर किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस लेने पर मजबूर कर देंगे।
उक्त उद्गार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने आज कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र कुर्सी तथा विधानसभा क्षेत्र रामनगर की कांग्रेस पद यात्रा जो विकास खण्ड फतेहपुर के इब्राहिमपुर से तथा विधानसभा रामनगर की यात्रा जो रनियामऊ चलकर साढेमऊ में समाप्त हुयी। उक्त अवसर पर दोनो कांग्रेस यात्राओं के समापन के अवसर पर मौजूद स्थानीय आवाम तथा कांग्रेसजनों के बीच व्यक्त किया तथा राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर राष्ट्रगान के साथ प्रथम दिन की कांग्रेस यात्रा का समापन किया।
कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने कहा कि आज कांग्रेस स्थापना दिवस पर कांग्रेसजन किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस पद यात्रा निकालकर देश की मोदी तथा प्रदेश की योगी सरकार को संदेश दे रहे हैं कि इस देश के भाग्य विधाता, अन्नदाता से अपने चंद पूंजीपति मित्रों के लाभ के लिए न टकराओ,आज एक महीने से किसान आंदोलनरत और प्रधानमंत्री जी आप अपने मन की बात कर रहे हो लेकिन किसानों के मन की बात सुनने का वक्त आपके पास नहीं है। जाड़े पाले की सर्द रातों मे खुले आसमान के नीचे दो दर्जन से ज्यादा किसान अपनी जिंदगी गवा बैठे हैं। देश के अन्नदाता की पीड़ा को देखकर करनाल के 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर,भटिंडा के रामपुरा फूल गुरलाभ सिंह ने जहर खाकर और कल एक वकील अमरजीत सिंह ने आंदोलन स्थल से कुछ ही दूरी पर प्रधानमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली।लेकिन किसान विरोधी अहंकारी मोदी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही।कांग्रेस पार्टी इस देश के अन्नदाता की पीड़ा में कदम से कदम मिलाकर इनके साथ हैं और अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के साथ संघर्ष कृृषि सम्बन्धी तीनों काले कानूनों को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर करने के लिये कोई भी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेगी।
136वें स्थापना दिवस के अवसर पर निकाली गई कांग्रेस पद यात्रा में मुख्य रूप से पूर्व विधायक राजलक्ष्मी वर्मा, पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा, सुरेश चंद्र वर्मा, कपिलदेव वर्मा, ज्ञानेश शुक्ला, आदर्श पटेल, गौरी यादव, कमल भल्ला, विजय बहादुर वर्मा, नेकचन्द्र त्रिपाठी, अनूप सिंह, संतोष रावत, सुरेंद्र सिंह वर्मा, सद्दाम हुसैन, दुर्गेश दीक्षित, आमिर अय्यूब किदवई, शिवानी सिंह, संजीव मिश्रा, धनंजय सिंह सहित सैकडो की संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।
रिपोर्ट- सरदार परमजीत सिंह