बाराबंकी: ग्राम टीकारामन तथा ग्राम नेवलपुर में कांग्रेस द्वारा किसान पंचायत आयोजित।

बाराबंकी। मोदी सरकार के तीन काले कृषि कानूनों से देश का अन्नदाता परेशान हैं, कांग्रेसजन अन्नदाता की पीड़ा का एहसास करके उनकी बुलन्द आवाज बनें। आज देश में हमारे नेता राहुल गांधी एक मात्र ऐसे नेता हैं जो खुले दिल से किसान की पीड़ा को उठाकर तानाशाह मोदी सरकार से टकराने का काम कर रहे हैं, मैं इस किसान पंचायत के सहारे आपको यह एहसास दिलाने आया हूॅ कि आपकी पीड़ा का हमें एहसास हैं। हम कांग्रेसजनों से यह अनुरोध करने आया हूॅ कि देश के भाग्य विधाता की लड़ाई में कन्धे से कन्धा मिलाकर किसान विरोधी भाजपा सरकार के तीनों काले कानूनों को वापस लेने की लड़ाई में किसानों की हक की आवाज बुलन्द करें।

उक्त उद्गार संगठन सृजन अभियान के जनपदीय प्रदेशीय प्रभारी करमराज यादव, विकास खण्ड हैदरगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष सियाराम यादव द्वारा क्षेत्र के टीकारामन तथा विकास खण्ड त्रिवेदीगंज के अध्यक्ष सुशील वर्मा द्वारा ग्राम नेवलपुर में आयोजित किसान पंचायत में व्यक्त किये। पंचायत की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मो. मोहसिन तथा संचालन कांग्रेस महासचिव जयन्त गौतम ने किया।

जनपदीय प्रभारी करमराज यादव ने कहा कि आप सभी के संज्ञान में होगा कि मोदी सरकार के कृषि सम्बन्धी बनाये गये तीनों काले कानूनों के खिलाफ पूरे देश का किसान आंदोलनरत् हैं क्योंकि इन काले कानूनों से कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जायेंगी, ऐसे में न तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा न ही बाजार भाव के अनुसार उसकी फसल की कीमत। मण्डी समिति की भूमिका खत्म होने पर 86 प्रतिशत किसान जो 2 से 5 एकड़ भूमि का मालिक हैं जो अपनी फसल को नजदीक की मण्डी, सब्जी मण्डी के अलावा कहीं और नहीं ले जा सकता, उस पर तीनों कृषि कानूनों का सीधा प्रहार होगा, साथ ही जो आय मडियों से प्रान्तों की होती हैं वह समाप्त हो जायेंगी। इसी चिन्ता में आज महीनों से सैकड़ो किसानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश के 62 करोड़ किसान आपकी अमानत खेतों की हिफाजत के लिये मोदी सरकार से सीधे टकराकर राजधानी की सीमा पर बैठा हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मो. मोहसिन ने पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसान को ठेका प्रथा में फंसाकर उसको उसकी ही जमीन पर बंधुआ मजदूर बनाने का कुचक्र इन काले कानूनों के सहारे रच रही हैं, मैं किसान भाईयों आपसे पूछना चाहता हूॅ कि दो से पांच एकड़ जमीन का मालिक किसान क्या बड़ी कम्पनियों के साथ फसल की खरीद फरोख्त या समझौते को समझने में सक्षम हैं शायद नहीं, अब आप ही बतायें कि जब आपको अपनी बरबादी के कानूनों की सही जानकारी ही नही हैं तो कैंसे मोदी सरकार आपका भला करेंगी, मैं आपको बता रहा हूॅ कि ठेका प्रथा अध्यादेश की सबसे कमी यह हैं उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य अनिवार्य रूप से किसान को देने की व्यवस्था नहीं हैं। ठेका खेती को मोदी सरकार ने अफसरशाही तथा पूंजीपतियों के रहमोंकरम पर छोड़ दिया हैं जो आपके लिये बर्बादी का फरमान हैं।

विकास खण्ड हैदरगढ़ के टीकारामन तथा त्रिवेदीगंज के ग्राम नेवलपुर में आयोजित किसान पंचायत को मुख्य रूप से गौरी यादव, मुब्बसिर अहमद, सरवर सिद्दीकी, अनिल पाण्डेंय, वीरेन्द्र सिंह, महमूद मियां, शिवनरायण रावत, सुशील वर्मा, सियाराम यादव, गुड्डू राइन, प्रेम नरायन शुक्ला, अरविन्द सिंह आदि कांग्रेसजनों ने सम्बोधित किया।

रिपोर्ट -सरदार परमजीत सिंह

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