बाराबंकी: चुनाव में दिवंगत शिक्षकों/कार्मिकों के परिजनों को अनुग्रह राशि न मिलने पर आंदोलन करेगा शिक्षक संघ।

बाराबंकी: शिक्षक संगठन उoप्रo जूनियर हाई स्कूल (पू.मा.) शिक्षक संघ,उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के दौरान शिक्षक/कार्मिकों के कोरोना संक्रमित होकर असमय काल कवलित होने के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र लिखा गया। पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि हाल ही में संपन्न हुए पंचायत सामान्य निर्वाचन में नामांकन प्रक्रिया से लेकर मतगणना तक प्रदेश के 1600 से अधिक शिक्षक/कार्मिक चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होकर असमय काल कवलित हो गए है, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश की अनुसचिव महोदय के द्वारा 18 मई 2021 को जारी विज्ञप्ति में मात्र 3 बेसिक शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु की बात कही गई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कृष्ण सिंह ने अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में 1621 शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व अन्य कर्मचारी की मृत्यु चुनाव कार्य के दौरान हुई है। यह सभी नामांकन प्रक्रिया से लेकर मतगणना के दौरान संक्रमित हुए थे। कार्यवाहक प्रदेश महामंत्री अरुणेन्द्र कुमार वर्मा मुन्ना ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमण के कारण किसी भी व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु 24 से 48 घंटे में होना आवश्यक नहीं है। अतः आचार संहिता लागू होने के पश्चात दिवंगत हुए शिक्षकों/शिक्षामित्रों/अनुदेशकों/कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव प्रमाणपत्र की अनिर्वायता समाप्त करने का कष्ट करे। साथ ही दिवंगत कार्मिकों के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए उनके परिवार के किसी एक आश्रित को योग्यतानुसार नौकरी प्रदान की जाए। जिससे उनके परिवार को भविष्य में संकट का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त पंचायत चुनाव में संक्रमित हुए ऐसे शिक्षक/कार्मिक जो वर्तमान में अस्पतालों में भर्ती है ऐसे सभी कार्मिकों के इलाज हेतु अनुग्रह राशि प्रदान की जाए। प्रांतीय कोषाध्यक्ष संजय कनौजिया ने शासन से दिवंगत साथियों की सूची को अद्यतन कराने की भी मांग की।

संघ ने उक्त पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया कि शिक्षक हित को ध्यान रखने हुए पत्र द्वारा की गयी मांग को ध्यान दिया जाय, अन्यथा की स्थिति में संघ विवश होकर प्रदेश के लाखों बेसिक शिक्षक के साथ उत्तर प्रदेश सरकार/राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली के विरुद्ध निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे। इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश का होगा।

रिपोर्ट- सरदार परमजीत सिंह

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