बाराबंकी। हाथरस की दिवंगत बेटी मनीषा के साथ अमानुष दरिदंगी हुई हैं, सम्पूर्ण प्रकरण में जिलाधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही हैं। हाथरस के प्रशासन में पुलिस कप्तान को सजा क्यों, जबकि घटना की जिम्मेदारी से जिलाधिकारी बच नही सकते हैं। जिलाधिकारी को हटाये बिना पीड़ित परिवार को न्याय मिलना सम्भव नही हैं, जब तक दरिदंगी की शिकार हाथरस की बेटी को न्याय नही मिल जाता हम गांधीवादी रास्ते पर चलकर न्याय की आवाज उठाते रहेंगे।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन राज्यसभा सांसद डाॅ.पी.एल.पुनिया ने आज देवा रोड स्थित गांधी भवन में हाथरस के जिलाधिकारी को हटाने तथा पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय दिलाने की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने आयोजित मौन धरना शुरू होने के पूर्व व्यक्त किये, धरने की अध्यक्षता नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटोवाला ने किया।
अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय चेयरमैन राज्यसभा सांसद डाॅ.पी.एल.पुनिया ने कहा कि हाथरस की दुखद घटना में उत्तर प्रदेश सरकार तथा प्रशासन के दावे आधारहीन हैं। घटना के तुरन्त बाद पीड़िता का मेडिकल न कराना और परिवार की अनुमति के बिना संस्कार रहित दाह संस्कार किया जाना दर्शाता हैं कि साक्ष्यों के साथ लीपापोती की गयी हैं, इस देश का कानून पीड़िता के ड्राइंग डिक्लेरेशन को नकार नही सकता, मौत के पहले पीड़िता का कबूलनामा साबित करता हैं कि उसके साथ गैंगरेप हुआ हैं और उसके परिवार को न्याय मिल जाना चाहिये इसके लिये हाथरस के जिलाधिकारी पर कार्यवाही निशान्त आवश्यक हैं।
हाथरस की दिवंगत बेटी को न्याय दिलाने के लिये आयोजित धरने में सांसद पुनिया के साथ मुख्य रूप से नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा, सरजू शर्मा, श्रीमती गौरी यादव, सुरेश चन्द्र वर्मा, इरफान कुरैशी, सिकन्दर अब्बास रिजवी, सोनम वैश्य, सीमा सिंह, मुइनुदिन अंसारी, मो. शफी आजाद, मो. इजहार, अखलेश वर्मा, अजय रावत, अरशद अहमद, दानिश खान, मो. आरिफ, प्रदीप वर्मा, बब्लू गौतम, अमित गौतम, संजीव मिश्रा, राजेन्द्र सोनी, रामचन्दर वर्मा सहित दर्जनो की संख्या में कांग्रेसजन मौजूद थें।
रिपोर्ट प्रदीप कुमार पांडेय