*बाराबंकी :डॉ दीनदयाल उपाध्याय और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया दोनों चाहते थे भारत-बांग्लादेश का महासंघ, पंडित राज नाथ शर्मा के बुलावे पर गांधी भवन में हुआ अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों का समागम , डॉ राम बहादुर राय की मौजूदगी में “अंदाज ए बयां और” की टीम को किया गया सम्मानित .. द इंडियन ओपिनियन के लिए मोहम्मद शकील की रिपोर्ट*


वयोवृद्ध समाजसेवी पंडित राजनाथ शर्मा की अगुवाई पर बाराबंकी का गांधी भवन एक ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना, जहां विदेशों में बसे भारतीयों को धर्म और संस्कृतियों को जोड़ने के लिए उनके महान योगदान पर सम्मानित किया गया…

दुबई से उठने वाली आवाज ‘महासंघ’ के सपने को साकार कर देगी। यह सपना तभी साकार होगा जब लोगों की इच्छा शक्ति प्रबल होगी। इसमें सरकारों और प्रशासनिक लोगों से ज्यादा जरूरी आम लोगों की एकता है। भारत का विभाजन एक आठवां आश्चर्य है। जिसको भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश महासंघ के द्वारा ही एकरूपता दी जा सकती है।
यह बात गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित साहित्य समागम के मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, भारत सरकार के अध्यक्ष पद्मश्री रामबहादुर राय ने कही।

समारोह के दौरान ‘अंदाज ए बयां और’ की गतिविधियों पर आधारित डीवीडी विमोचन तथा भारत पाकिस्तान महासंघ पर आधारित डा. लोहिया और पं दीनदयाल उपाध्याय के संयुक्त वक्तव्य के शिलालेख और महासंघ पर आधारित के बाद महासंघ पर आधारित पत्रिका के कवर पेज का विमोचन मुख्य अतिथि पद्मश्री रामबहादुर राय सहित मंचासीन अतिथियों ने किया।
श्री राय ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार नेहरू सीढ़ी पर चढ़ रहे थे तभी उनका पैर फिसला। तभी ठीक उनके पीछे चल रहे दिनकर जी ने नेहरू को सम्भाल लिया। और कहा राजनीति जहां लड़खड़ा जाती है साहित्य उसे सम्भाल लेता है।

श्री राय ने कहा कि राजनीति बांट रही है, ‘अंदाज ए बयां और’ लोगों को जोड़ने का काम कर रहा है क्योंकि साहित्य ही लोगों को जोड़ने का काम करता है। साहित्य ही एक ऐसी विधा है जो जाति, धर्म, संस्कृति, संस्कार और भाषा को जोड़ने का काम करती है। आज राजनीति से समाज बंट रहा है ऐसे में जरूरत है कि साहित्य से समाज को जोड़ा जाए। जो काम ‘अंदाज ए बयां और’ कर रही है।
इस मौके पर सामाजिक सहभागिता सम्मान के अन्र्तगत दुबई निवासी शाज़िया किदवई, रेहान सिद्दीकी, उर्फी किदवई, अमेरिका निवासी युसूफ किदवई को प्रवासी भारतीय सम्मान से विभूषित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कहा कि ‘अंदाज ए बयां और’ भाषा में समानता लाने का काम करती है। दुबई में ‘अंदाज ए बयां और’ ‘हिन्दुस्तानी’ के रूप में जाना जाता है। उससे बड़े गर्व की बात यह है कि हिन्दुस्तानियों की ईमानदारी और वफादारी की पूरी दुनिया कायल है। उन्होंने कहा कि ‘अंदाज ए बयां और’ ने दुबई में हिन्दुस्तानी संस्कारों की बेमिसाल मिसाल पेश की है।